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Railway Scheme : रेलवे यात्रियों को मिली बड़ी सौगात, मिलेगा खाना और ये सुविधाएं

रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। अब ट्रेन में सफर करते समय लोगों को स्वच्छ, स्वादिष्ट, ताजा और ब्रांडेड भोजन देने का खाका बनाया गया है। रेलवे भी अपनी नई नीतियों को लागू कर चुका है। नीचे खबर में विस्तार से पढ़ें..।

 
Railway Scheme : रेलवे यात्रियों को मिली बड़ी सौगात, मिलेगा खाना और ये सुविधाएं 

यात्रियों को वेज भोजन की जगह नॉनवेज भोजन देने पर कंपनी का खानपान का अनुबंध रद्द हो जाएगा। नॉनवेज ट्रे लाल होगी, जबकि वेज ट्रे हरी होगी। भोजन में बाल मिलने, मात्रा कम होने, वेंडर के बावर्दी नहीं होने, यात्री से अभद्र भाषा का प्रयोग करने या हाथपाई करने पर भी कंपनी को 2.5 लाख रुपये का भारी जुर्माना और खानपान का ठेका रद्द कर दिया जाएगा।

14 नवंबर को, रेलवे बोर्ड ने 2017 की खानपान नीति को बदलकर एक नई नीति लागू की है। यह एक खाका है जो ट्रेनों में स्वच्छ, स्वादिष्ट, ताजा और ब्रांडेड भोजन प्रदान करता है। खानपान कंपनी को गंदी वर्दी, व्यक्तिगत स्वास्थ्य और सफाई की कमी के कारण चौथी बार दो लाख रुपये का जुर्माना और पांचवीं बार ठेका रद्द कर दिया जाएगा।

नई नियमानुसार, ठेकेदार को यात्री की शिकायत पर चार श्रेणियों में जुर्माना लगाया जाता है। इसमें ठंडा-बासी भोजन, भोजन की खराब प्रस्तुतीकरण और पहली बार पांच हजार रुपये और पांचवीं बार 25,000 रुपये के जुर्माने शामिल हैं। जबकि अन्य श्रेणियों में चार बार भारी जुर्माना और पांच बार ठेका रद्द करने का प्रावधान है। भोजन में छिपकली-चूहा मिलने या खाने के बाद यात्री को अस्पताल में भर्ती कराने पर पहली बार 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, और दूसरी बार ऐसा करने पर ठेका रद्द कर दिया जाएगा।

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नई खानपान नीति में पैकेट पर QR कोड नेम प्लेट होगा। वर्दी स्माइल होगा। नो टिप लिखा होगा। ट्रैक में कपनी का नाम और मोबाइल नंबर होगा। यात्री इससे शिकायत कर सकते हैं।

भोजन के पैकेट पर रेट और क्यूआर कोड होंगे। डिब्बाबंद भोजन में एमआरपी नहीं लिया जाएगा। आर्डर किए गए भोजन में अतिरिक्त सामग्री के लिए अतिरिक्त भुगतान नहीं किया जाएगा। रेलवे के केंद्रीयकृत मदद ऐप पर शिकायत कर सकते हैं। रेलवे एक्स पर भी यात्री शिकायत कर सकते हैं।

अत्याधुनिक किचन बनाना होगा

नई नीति में कई उपाय किए गए हैं जो एक निश्चित कंपनी को रेलवे खानपान पर नियंत्रण से दूर करेंगे। इसमें प्रत्येक बड़े रेलवे स्टेशन पर दो अलग-अलग खाद्य कंपनियों को ठेका दिया जाएगा।

साथ ही, ठेका लेने वाली कंपनी दूसरी कंपनी को सब-लेट नहीं कर सकेगी। रेलवे के निर्देशों के अनुसार, ठेकेदार को मुख्य रेलमार्ग पर अपने खर्च पर अत्याधुनिक बेस किचन बनाना होगा। यहां भोजन केवल ब्रांडेड सामग्री से पकाया जाएगा। सीसीटीवी इसकी ऑनलाइन निगरानी करेगा।
 

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