logo

केंद्र सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा: रबी फसलों के MSP में ₹150 से ₹300 तक की बढ़ोतरी

केंद्र सरकार ने रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में ₹150 से ₹300 तक की बढ़ोतरी की है। इस फैसले से गेहूं, चना, मसूर, सरसों, जौ और सूरजमुखी की खेती करने वाले किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। जानें नई MSP दरें और इससे होने वाले फायदे।

 
केंद्र सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा: रबी फसलों के MSP में ₹150 से ₹300 तक की बढ़ोतरी
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Haryana update: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (ccea) की बैठक में बुधवार को 2025-26 की पेराई season (Oct. से सितंबर) के लिए gnna के उचित व लाभकारी मूल्य (FRP) 355 रुपये प्रति क्विंटल तय करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह पिछले साल की पेराई season के मुकाबले 15 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। 

2024-25 में sarkar ने 2023-25 के पेराई season के मुकाबले 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की थी। यह फैसला 2024 के आम चुनाव से ठीक पहले हुआ था। बहरहाल, नया दाम एक Oct., 2025 से होने वाली गन्ना खरीद के लिए लागू होगा। केंद्र के इस फैसले से देश के दूसरे states पर भी gnna के FRP को बढ़ाने का दबाव बढ़ेगा। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा जैसे कुछ states में अपनी परामर्श मूल्य समिति की सिफारिशों पर कीमत तय की जाती है। किसान संगठनों की तरफ से gnna का भाव 450 रुपये प्रति क्विंटल की मांग की जा रही है।


सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया की CCEA की बैठक में देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में शिलांग (मेघालय) से लेकर सिलचर (असम) के बीच 166.8 किलोमीटर लंबी high स्पीड रोड कारिडोर बनाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दिखाई गई है। इस परियोजना की कुल लागत 22,864 करोड़ रुपये होगी। इसका बड़ा हिस्सा मेघालय में होगा। 

यह न सिर्फ पूर्वोत्तर states के बीच आने-जाने की सहूलियत को काफी बढ़ा देगा बल्कि दश के रणनीतिक हितों के लिए भी इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस फैसले पर गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पूर्वोत्तर का विकास हमेशा से मोदी sarkar की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। जबकि FRP बढ़ाने पर कहा कि इस निर्णय से करीब पांच करोड़ गन्ना किसानों और उनके परिवारों को लाभ होगा।


पूर्वोत्तर state चारों तरफ से चीन व बांग्लादेश से घिरे हुए हैं। पूरे देश से यह एक छोटे से भौगोलिक स्थल से जुड़े हुए हैं। चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत sarkar ने पिछले एक दशक के दौरान पूर्वोत्तर states में संचार के साधनों को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। बुधवार को सीसीईए का फैसला इस प्रक्रिया को और तेज करेगा। sarkar की तरफ से बताया गया है कि यह परियोजना मेघालय व असम के कई प्रसिद्ध पर्यटक place को आपस में जोड़ेगा। इससे पूरे क्षेत्र के विकास में भी मदद मिलेगी।