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Haryana and Punjab Water Controversy: SYL नहर पर फिर टकराव, 15 जिलों में पानी की किल्लत, 1981 समझौता फिर चर्चा में

पंजाब ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से इनकार कर दिया है, जिससे हरियाणा के 15 जिलों में जल संकट गहरा गया है। यह विवाद 1981 के जल बंटवारे समझौते और अधूरी SYL नहर परियोजना से जुड़ा है। जानिए इस विवाद की पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति।

 
Haryana and Punjab Water Controversy: SYL नहर पर फिर टकराव, 15 जिलों में पानी की किल्लत, 1981 समझौता फिर चर्चा में
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Haryana update: Haryana और punjab के बीच पानी के मुद्दे को लेकर एक बार विवाद पैदा हो गया है। punjab ने 15 दिन पहले bakhda नहर से Haryana को दिए जाने वाले 9500 क्यूसेक पानी में कटौती कर 4000 क्यूसेक कर दिया है। इस पर punjab के CM bhagwant मान ने मंगलवार को कहा कि Haryana अपने हिस्से का पानी दो महीने पहले ही इस्तेमाल कर चुका है। अब उनके पास किसी को देने के लिए एक बूंद भी फालतू पानी नहीं है। वहीं CM saini ने भी punjab के CM के बयान को आश्चर्यजनक बताया है।


Haryana के 15 जिलों में शुरू हुई पानी की किल्लत


जानकारी के मुताबिक, punjab सरकार के इस फैसले से Haryana के 15 जिलों में पानी की आपूर्ति प्रभावित होनी शुरू हो गई है और आने वाले दिनों में यह जल संकट बढ़ सकता है। Haryana सरकार ने punjab के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते है और शर्तों के हिसाब से पानी देने को कहा है।


CM saini बोले- punjab सरकार का फैसला ठीक नहीं


खबरों की मानें, तो CM नायब सिंह saini ने कहा कि punjab सरकार का यह फैसला ठीक नहीं है। Haryana ने इस बारे केंद्र सरकार से बात की है। वहीं bhagwant मान ने कहा कि केंद्र सरकार punjab के पानी पर डाका डालने के लिए चाल चल रही है। जिसे state सरकार कामयाब नहीं होने देगी। बीजेपी जबरन दबाव बना रही है कि bakhda ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के जरिए Haryana को ज्यादा पानी दिया जाए जबकि, Haryana अपने हिस्से का सारा पानी पहले ही इस्तेमाल कर चुका है।


Haryana की 70 फीसदी आबादी होगी प्रभावित

bakhda नहर से मिलने वाले पानी में कटौती से Haryana के 15 जिलों की 70 फीसदी आबादी को पीने के पाने की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।इन जिलों में Haryana के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद और अंबाला जिले की 40 फीसदी आबादी प्रभावित होगा। जिस पर punjab सरकार के इस फैसले का असर पड़ेगा।

वहीं यमुना में पानी का स्तर कम होने की वजह से प्रदेश के सात जिले रेवाड़ी, नारनौल, bhiwani, चरखी दादरी, रोहतक, सोनीपत और कैथल प्रभावित होंगे।

Haryana और punjab के बीच 1981 में हुआ था जल समझौता

दरअसल, punjab और Haryana सरकार के बीच 1981 में bakhda जल समझौता हुआ था। इसके तहत punjab state bakhda नहर से Haryana और राजस्थान को पानी देता है। इसके तहत वर्तमान में Haryana को punjab से करीब 1.8 MAF पानी मिल रहा है। यह पानी कई जिलों को पेयजल और सिंचाई के लिए दिया जाता है। Haryana के लिए 2.987 MAF पानी तय किया गया है और state ने 3.091 MAF पानी का इस्तेमाल कर लिया है, जोकि तय सीमा से 103 प्रतिशत है।

वहीं राजस्थान के लिए 3.398 MAF तय किया है। इसमें से राजस्थान 3.738 MAF पानी का उपयोग कर चुका है, जोकि तय सीमा से 110 प्रतिशत है।

punjab के लिए 5.512 MAF तय है और state ने अब तक 4.925 MAF पानी का इस्तेमाल किया है, जो तय सीमा से 89 प्रतिशत है। इस हिसाब से punjab ने अभी 11 प्रतिशत पानी का और इस्तेमाल करना है।

punjab का तर्क है कि अगर Haryana को अतिरिक्त पानी दे दिया तो bakhda का जलस्तर और नीचे चला जाएगा। जिससे धान की फसल की सिंचाई में state के लोगों  परेशानी का सामना करना पड़ेगा।