Property Rules : घर या जमीन खरीदते वक़्त हो सकता है आपके साथ फ्रॉड, इस नियम के तहत ही खरीदे प्लॉट
आपको बता दें कि इस क्षेत्र में कई कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। रहवासियों को सड़क, नाली, सड़क प्रकाश और पानी जैसे मूलभूत सुविधाएं ही नहीं मिली हैं। यदि आप भी इस स्थान पर घर या प्लाट खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको धोखा मिल सकता है।
हाल ही में जिला मुख्यालय में बनाए गए कई रहवासी कॉलोनियों में सुविधाओं का अभाव है। रहवासियों को सड़क, नाली, सड़क प्रकाश और पानी जैसे मूलभूत सुविधाएं ही नहीं मिली हैं।
पिछले एक से डेढ़ दशक में, जिला मुख्यालय और इससे लगे गाँवों में दर्जनों आवासीय कॉलोनियां बनाई गईं। इनमें, कॉलोनाइजर्स ने खरीददारों को प्लाट बेचते समय नेताओं की तरह लोगों को लुभाने वाले वादे जरूर किए, लेकिन समय गुजरने पर भी वे उन सुविधाओं को देने में रुचि नहीं दिखाई। प्लाट खरीदने वाले लोगों ने जमापूंजी लगाकर मकान बनाकर रहना शुरू कर दिया, लेकिन वर्षों बाद भी इन कॉलोनियों की हालत गांवों की गलियों से भी बदतर है।
प्रोजेक्ट के नाम पर कॉलोनी के पीछे कॉलोनी बनाने का खेल, और कालोनाइजरों द्वारा विकसित कॉलोनियों के पीछे की जमीनों को लेकर भी कॉलोनी पर कॉलोनी बनाने का खेल बहुत लोकप्रिय है। कालोजाइनर्स पहले एक परियोजना को अप्रूवल करा लेते हैं और फिर उसे कई एकड़ तक विस्तार देते हैं। इसके लिए न तो रेरा से पंजीयन किया जा रहा है, न किसी तरह की कॉलोनी के नाम पर अप्रूवल।
नगरपालिका और नगर पालिका योजना विभाग के अधिकारियों को शिकायतों का इंतजार है। नपा के सीएमओ चंदन शर्मा ने बताया कि कॉलोजाइनर्स वर्तमान में एक विंडो सुविधा पा रहे हैं। NOCC सभी दस्तावेजों को ओके होने पर नपा से भेजा जाता है। आप रेरा से शिकायत कर सकते हैं अगर बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलती हैं। यदि निर्माण निर्धारित क्षेत्र से अधिक क्षेत्र में हो रहा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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गाइडलाइन में ३० सुविधाएँ...।
नपा के अनुसार, निजी कॉलोनी में बाह्य 21 और आंतरिक 19 बुनियादी सुविधाएं होती हैं। लेकिन शहर की अधिकांश कॉलोनियों में सड़क और नाली के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। शहर की सीमा पार गांव में बस चुकी कॉलोनी। पार्षदों ने वोट बैंक की राजनीति करते हुए स्थानीय निवासियों को अपने-अपने वार्डों में लाया। उन्हें उनके वार्ड का नाम दिया गया था। नगर पालिका प्रशासन ने पार्षदों को मतदान करने के लिए ग्राम पंचायत की जमीन पर सीसी रोड़ भी बनाया।
रेरा में पंजीयन करना अनिवार्य है—
नगरपालिका क्षेत्र की सीमाओं से लगे आउटरों में अवैध प्लाटिंग का खेल और इस तरह की कॉलोनी आजकल आम हैं। यहां खेती की जमीन को टुकड़ों में बांटकर खरीद-फरोख्त का कारोबार तेजी से विकसित हो रहा है। रेरा अधिनियम 2016 की धारा 3 के तहत राज्य में सभी रियल एस्टेट परियोजनाओं को रेरा प्राधिकरण में पंजीकृत करना अनिवार्य है। धारा 9 में भी रियल एस्टेट एजेंट का पंजीयन जरूरी किया गया है जो बिल्डर्स की नई संपत्ति ग्राहकों को बेचते हैं।