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Property Rights: गोद लिया बच्चा किसकी प्रोपर्टी का होगा असली मालिक, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

इस केस में हाइकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया है और बताया है कि असल में बच्चा किसकी संपत्ति का असली मालिक होता है. तो चलिए जानते हैं विस्तार से...
 
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Haryana Update, New Delhi:  तेलंगाना हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि गोद लेने के बाद वो बच्चा अपने जन्म देने वाले परिवार का सहदायिक नहीं होता। हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत, सहदायिक शब्द का इस्तेमाल उस व्यक्ति के लिए किया जाता है, जिसे हिंदू अविभाजित परिवार यानी हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली में जन्म से ही पैतृक संपत्ति में कानूनी अधिकार मिलता है।

इसका मतलब यह हुआ कि गोद लिए गए बच्चे के पास जन्म देने वाले परिवार की संपत्ति में हिस्सेदारी का दावा करने का अधिकार नहीं है।क्या था तेलंगाना हाई कोर्ट का मामला1977 से यह केस चल रहा था। सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर हुआ था। पिटीशन दायर करने वाले व्यक्ति को उसके सगे मामा ने गोद लिया था। जब उसे यह सच्चाई पता चली तब उसने अपने जन्म के परिवार की संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग की।

अगर आप बच्चा गोद लेते हैं तो उसके अधिकार क्या है, खासकर तब जब बच्चे को रिश्तेदार या जानने वालों ने अडॉप्ट किया हो, तब उसे संपत्ति कैसे मिलती है। इसके बारे में आज जरूरत की खबर में सुप्रीम कोर्ट के वकील सचिन नायक से जानते हैं…

सवाल: गोद लिए गए बच्चे के क्या अधिकार हैं?

जवाब: उस बच्चे को वो तमाम अधिकार मिले हैं जो एक बायोलॉजिकल बच्चे के होते हैं। यह बच्चा अपने नए माता-पिता से अपने अधिकार उस दिन से मांग सकता है, जिस तारीख से उसे गोद लिया गया है।

उसी तारीख से उसका उसके असली माता-पिता से भी कानूनी रूप से रिश्ता खत्म हो जाता है।

सवाल: अगर जन्म देने वाले माता-पिता ने प्रॉपर्टी का बंटवारा गोद देने से पहले कर दिया है, तब भी क्या उस व्यक्ति को बायोलॉजिकल पेरेंट्स की संपत्ति में अधिकार नहीं मिलेगा?

जवाब: तेलंगाना हाई कोर्ट में दायर हुए इस मौजूदा केस में इस सवाल का जवाब जजों ने दिया है। जस्टिस पी. नवीन राव, जस्टिस बी. विजयसेन रेड्डी और जस्टिस नागेश भीमापाका की पीठ ने 27 जून के फैसले में कहा कि अगर गोद लेने से पहले बंटवारा हुआ हो गया है और गोद दिए गए व्यक्ति को उस संपत्ति में हिस्सा मिल गया है, तब वो अपना हिस्सा रख सकता है।

अगर ऐसा नहीं हुआ है तब वो अपने बायोलॉजिकल पेरेंट्स से संपत्ति मांग नहीं सकता। वो उनकी प्रॉपर्टी का हकदार नहीं होता।

सवाल: गोद लिए बच्चे को क्या उसके असल माता-पिता अपने मन से प्रॉपर्टी दे सकते हैं?

जवाब: भारतीय संविधान के तहत कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा से अपनी कोई वस्तु या संपत्ति किसी को भी दे सकता है। इसमें चल या अचल दोनों तरह की संपत्ति शामिल है।

इसी कानून के तहत जन्म देने वाले माता-पिता अपने गोद दिए गए बच्चे को कुछ भी दे सकते हैं।

सवाल: क्या गोद लिए गए बच्चे को प्रॉपर्टी से बेदखल किया जा सकता है?

जवाब: यहां भी वही कानून लागू होगा जो बायोलॉजिकल बच्चों के लिए हैं। यानी पिता अपने बेटा या बेटी को अपनी संपत्ति से बेदखल कर सकता है और अपनी आय से अर्जित संपत्ति को जिसे चाहे उसे दे भी सकता है। वहीं अगर पिता के पास पैतृक संपत्ति है तो कानूनन उससे अपने बच्चों को बेदखल नहीं कर सकता है।

हिंदु एडॉप्शन एंड मेंटेनेंस एक्ट के सेक्शन 15 के मुताबिक, दत्तक माता-पिता एडॉप्शन कैंसिल नहीं करा सकते। साथ ही वो बच्चा जन्म देने वाले माता-पिता के साथ नहीं रह सकता है।
 

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