Property Rules : अगर प्रोपर्टी वसीयत में गड़बड़ी लगे तो क्या करें? जानिये कानून

वसीयत के खिलाफ जाने के लिए उचित आधार जरूरी Property Rules
वसीयत को चुनौती देना आसान नहीं होता, लेकिन यदि आपके पास ठोस और वैध आधार हैं तो इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। वसीयत के खिलाफ जाने से पहले यह समझना जरूरी है कि इसके लिए सही कारण और प्रमाण होने आवश्यक हैं।
इन कारणों से वसीयत को दी जा सकती है चुनौती Property Rules
1. कागजी कार्यवाही में गड़बड़ी
अगर वसीयत तैयार करने में किसी प्रकार की कानूनी अनियमितता हुई है, जैसे सही तरीके से गवाहों के हस्ताक्षर नहीं हैं या अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है, तो इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
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2. दबाव में लिखी गई वसीयत
अगर कोई व्यक्ति यह साबित कर सकता है कि संपत्ति मालिक ने किसी दबाव, डर, या प्रभाव में आकर वसीयत तैयार की है, तो कोर्ट में इसे चुनौती दी जा सकती है। यह साबित करना होगा कि वसीयत स्वतंत्र इच्छा से नहीं बल्कि किसी बाहरी दबाव में लिखी गई है।
3. वसीयत लिखने वाले की मानसिक स्थिति
वसीयत लिखने वाले व्यक्ति की मानसिक स्थिति सही नहीं थी, तो वसीयत को अवैध ठहराया जा सकता है। यदि वसीयत बनाने वाले व्यक्ति की मानसिक स्थिति बिगड़ी हुई थी या वह सही-गलत समझने में असमर्थ था, तो यह कोर्ट में एक मजबूत आधार बन सकता है। इसके लिए मेडिकल रिपोर्ट और अन्य प्रमाण आवश्यक होंगे।
4. धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा
अगर यह साबित हो जाता है कि वसीयत धोखाधड़ी या किसी प्रकार के छल-कपट से लिखवाई गई है, तो इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। फर्जी दस्तावेजों और हस्ताक्षरों के आधार पर बनाई गई वसीयत भी अवैध मानी जाएगी।
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5. भेदभावपूर्ण बंटवारा
अगर वसीयत में संपत्ति का बंटवारा असमान रूप से किया गया है और किसी उत्तराधिकारी को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने के इरादे से लिखा गया है, तो इसे चुनौती दी जा सकती है। इसके लिए भी ठोस प्रमाणों की आवश्यकता होगी।
वसीयत को कोर्ट में चुनौती देने की प्रक्रिया Property Rules
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वकील से परामर्श लें: वसीयत को चुनौती देने से पहले किसी अनुभवी वकील से सलाह लेना जरूरी है।
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साक्ष्य जुटाएं: मानसिक स्थिति, दबाव, फर्जीवाड़ा या अनियमितताओं से जुड़े दस्तावेज और प्रमाण इकट्ठा करें।
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कोर्ट में याचिका दायर करें: उचित कारणों के साथ सिविल कोर्ट में याचिका दायर करें।
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कोर्ट की सुनवाई का इंतजार करें: अदालत दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाएगी।
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अगर आपको लगता है कि वसीयत गलत तरीके से बनाई गई है या इसमें अनियमितता हुई है, तो आप इसे कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। लेकिन इसके लिए मजबूत आधार और प्रमाण जरूरी हैं। बिना ठोस सुबूत के वसीयत को बदलवा पाना मुश्किल होगा।