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Property : प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाते समय बचाना चाहते हो लाखों रुपए, तो करें यह काम

अगर आप भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाने जा रहे हैं तो आपको यह बातें जरूर जान लेनी चाहिए इससे आप आसानी से तीन से चार लाख रुपए बचा सकते हो जानते हैं पूरी विस्तार से
 
Property : प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाते समय बचाना चाहते हो लाखों रुपए, तो करें यह काम

Haryana Update : जमीन की Registry कराना बड़ा काम होता है. इसमें कई तरह की लिखा-पढ़ी होती है. Property Registration का तगड़ा Charge भी देना होता है. यह Charge Property की कुल रकम का 5-7 परसेंट तर हो सकता है. अगर 50 लाख रुपये की Property का Registration कराने जा रहे हैं,

Lady खरीदारों को रिबेट

अगर किसी Property की खरीदारी में जॉइंट या सिंगल परचेज में Lady शामिल हो तो कई राज्यों में स्टांप  Duty और Registration Charge में छूट मिलती है. इसमें हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं. दिल्ली Govt के मुताबिक, कोई जमीन पुरुष के नाम से Registry हो तो उस पर 6 % और Lady के नाम से 4 % Registry Charge देना होता है. इसके साथ ही रेजिडेंशियल Property के Registration पर होने वाले खर्च पर साल में अधिक से अधिक 1.5 लाख Tax बचा सकते हैं.

लोकल स्टांप एक्ट का फायदा

जमीन राज्यों का विषय है, इसलिए Registry से होने वाली कमाई भी राज्य की होती है. हर राज्य का Law दूसरे से अलग हो सकता है. इसलिए Registry से पहले एक बार उस राज्य का स्टांप एक्ट जरूर जान लें. कई बार राज्य Govt की ओर Registration Charge कम किया जाता है. उसी समय Registry कराएं जब इसमें छूट दी जा रही हो. महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश में स्टांप  Duty नहीं लगती अगर Property को ब्लड रिलेटिव को गिफ्ट किया जाए. इस नियम का खयाल रखकर आप Registration Charge बचा सकते हैं

Market वैल्यू पर दें Registry चार्ज

कई बार देखा जाता है कि किसी Property की Market वैल्यू कम होती है जबकि Circle Rate अधिक. अधिक Circle Rate पर स्टांप  Duty अधिक लगेगी जबकि Market वैल्यू पर स्टांप  Duty कम देनी होगी. ऐसे में आप Registar या सब रजिस्ट्रार से अपील कर Stamp Duty पर खर्च बचा सकते हैं. स्टेट स्टांप एक्ट के तहत इसका प्रावधान किया गया है.

अगर रजिस्ट्रार के पास Market वैल्यू पर स्टांप  Duty लिए जाने की अपील की जाए तो सेल डीड तब तक पेंडिंग रहेगा जब तक Registration न हो जाए. रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार आपके मामले को डीसी के पास भेजता है जो Market वैल्यू के हिसाब से स्टांप  Duty का आकलन करता है. इस मामले में आप अगर खरीदार हैं, तो आपको स्टांप  Duty में बचत का फायदा मिलेगा.

बिना बंटवारे वाली जमीन की रजिस्ट्री

एक Report बताती है, बिना बंटवारे वाली जमीन की Registry की सुविधा Future में बनने वाले कंस्ट्रक्शन या निर्माणाधीन Project में मिलती है. इस केस में खरीदार बिल्डर से दो एग्रीमेंट करता है. सेल एग्रीमेंट और कंस्ट्रक्शन एग्रीमेंट. सेल एग्रीमेंट Property के अनडिवाइडेड शेयर के लिए होता है, यानी कि कॉमन एरिया में खरीदार का शेयर.

इसमें जमीन की Price और जमीन पर बनने वाले कंस्ट्रक्शन की Rate शामिल होती है. बिना बंटवारे वाली Property को खरीदना सस्ता होता है क्योंकि बिल्ट-अप Area के लिए Registration Charge नहीं देना होता है. मान लें किसी बनने वाले अपार्टमेंट की लागत 50 लाख रुपये है और उसके लैंड पार्सल में बिना बंटवारे वाली जमीन की कीमत 20 लाख रुपये है, इसी 20 लाख का Registration Charge और स्टांप  Duty देना होगा.

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