Potato Farming: फरवरी में आलू की हार्वेस्टिंग फायदे का सौदा, बढ़ सकता है भाव

Agriculture News, Potato Harvesting: शाहजहांपुर जिले में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इस समय आलू की अगेती फसल की हार्वेस्टिंग हो चुकी है, जबकि जिन किसानों ने आलू की बुवाई में देरी की थी, उनकी हार्वेस्टिंग का समय अब आ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर किसान सही समय पर और उचित तरीके से आलू की हार्वेस्टिंग करते हैं, तो बाजार में अच्छे दाम मिल सकते हैं।
सही समय पर हार्वेस्टिंग का महत्व
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक के अनुसार, जिन किसानों ने आलू की बुवाई में देरी की थी, उन्हें फरवरी के अंत से पहले आलू की हार्वेस्टिंग पूरी कर लेनी चाहिए। अगर किसान समय पर हार्वेस्टिंग नहीं करते, तो आलू की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, और इस वजह से बाजार में दाम कम हो सकते हैं।
किसान ध्यान रखें
अगर आलू की हार्वेस्टिंग फरवरी के बाद होती है, तो आलू में डैमेज होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे उत्पादन पर भी असर पड़ता है। इसके अलावा, आलू की फसल में 'चारकोल रोड' नामक बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है, जो उपज को नुकसान पहुंचा सकती है।
आधुनिक यंत्रों का इस्तेमाल करें
आलू की हार्वेस्टिंग करते समय किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग करें ताकि आलू का नुकसान कम हो सके। हार्वेस्टिंग के बाद आलू की ग्रेडिंग भी जरूरी है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे मजदूरों की मदद से आलू की ग्रेडिंग करें और कटे हुए आलू को अलग करें।
सही तरीके से भंडारण
आलू की हार्वेस्टिंग के बाद उसे छायादार स्थान पर रखकर 10-15 दिनों तक वहां रहने दें। इस दौरान आलू की भंडारण क्षमता बढ़ेगी और नुकसान को कम किया जा सकेगा। इसके बाद, किसानों को आलू की फिर से ग्रेडिंग करके डैमेज आलू को अलग कर देना चाहिए। इससे आलू की भंडारण क्षमता बढ़ेगी और किसानों को बाजार में अच्छे भाव मिलने की संभावना बढ़ेगी।
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