PF Pension Rule: जानिए 60 की उम्र के बाद कितना मिलेगा पेंशन अमाउंट

पीएफ पेंशन की व्यवस्था: ईपीएफओ के नियम
अगर कोई पीएफ खाताधारक 10 साल तक लगातार पीएफ में योगदान करता है, तो उसे पेंशन का हकदार माना जाता है। इस दौरान अगर वह 58 साल से पहले अपनी पेंशन का क्लेम करता है, तो उसे हर साल 4% की कटौती का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी ने 54 साल की उम्र में पेंशन क्लेम किया, तो उसे 16% की कटौती हो सकती है।
वहीं, अगर किसी ने 58 साल की उम्र के बाद पेंशन क्लेम किया तो उसे हर साल 4% की बढ़ोतरी होगी, जिससे उसे 60 साल की उम्र में पेंशन के रूप में 8% अधिक पैसे मिलेंगे।
पीएफ पेंशन का कैलकुलेशन
ईपीएफओ के नियमों के तहत पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा ₹15,000 है। इसका मतलब यह है कि पेंशन फंड में अधिकतम ₹1,250 ही जमा हो सकते हैं। पेंशन की गणना एक निश्चित फॉर्मूले से की जाती है:
पेंशन = पेंशन योग्य वेतन × पेंशन योग्य सेवा / 70
यहां पेंशन योग्य वेतन का मतलब है, कर्मचारी की अंतिम 60 महीनों की औसत सैलरी। मान लीजिए कि किसी कर्मचारी का पेंशन योग्य वेतन ₹15,000 है और उसने 35 साल तक नौकरी की है, तो उसकी मासिक पेंशन इस प्रकार कैलकुलेट की जाएगी:
पेंशन = 15000 × 35 / 70 = ₹7,500 प्रति माह
60 साल के बाद पेंशन कैसे बढ़ेगी?
अगर कोई कर्मचारी 58 साल की उम्र में रिटायर होता है और उसने 35 साल तक नौकरी की है, तो उसे ईपीएफओ के पुरानी पेंशन स्कीम के तहत अधिकतम ₹7,500 प्रति माह पेंशन मिल सकती है। हालांकि, अगर वह पेंशन क्लेम करने में देरी करता है, तो उसे 60 साल की उम्र में 8% अतिरिक्त पेंशन मिलेगी।
पेंशन के लिए कब और कैसे क्लेम करें?
अगर आप 58 साल की उम्र के बाद पेंशन क्लेम करते हैं, तो आपको सामान्य पेंशन के मुकाबले 8% अधिक पैसे मिलेंगे। वहीं, अगर आप 60 साल की उम्र से पहले पेंशन क्लेम करते हैं, तो आपको पेंशन में कमी हो सकती है। इसके लिए आपको ईपीएफओ के द्वारा तय किए गए नियमों का पालन करना होगा।
इस तरह से आप अपने पीएफ खाते से जुड़ी पेंशन की राशि का सही अंदाजा लगा सकते हैं और भविष्य के लिए सही योजना बना सकते हैं।