logo

हरियाणा में शुरू होगा नया सफर, ऑर्बिटल रेल का सपना होगा साकार

हरियाणा में अब ऑर्बिटल रेल नेटवर्क का सपना जल्द ही साकार होने वाला है। इस योजना के तहत राज्य में नई रेल लाइनों का निर्माण किया जाएगा, जो दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों को जोड़ने में मदद करेगा। इससे यातायात की सुविधा और कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इस ऑर्बिटल रेल का उद्देश्य यात्री सफर को और सुरक्षित, तेज और आरामदायक बनाना है। जानें इस योजना के बारे में और कैसे यह हरियाणा के विकास में योगदान करेगा।
 
हरियाणा में शुरू होगा नया सफर, ऑर्बिटल रेल का सपना होगा साकार
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Haryana update : ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना का उद्देश्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़कर माल परिवहन को सरल बनाना है। इसके साथ ही, यह दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक जाम और पर्यावरण प्रदूषण की समस्याओं को कम करने का वादा करता है। इस परियोजना की पूरी होने की अनुमानित तिथि 2030 है, और इससे क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को नया आयाम मिलेगा।

फिजिबिलिटी स्टडी और धनराशि

उत्तर प्रदेश सरकार और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी के लिए हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (HRIDC) को ₹1.77 करोड़ की राशि प्रदान की है। इस अध्ययन के आधार पर परियोजना के आगे के चरणों की कार्यवाही शुरू की जाएगी।

परियोजना की विशेषताएँ

ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की लंबाई 135 किलोमीटर होगी और यह उत्तर प्रदेश और हरियाणा के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों जैसे नोएडा, ग्रेटर नोएडा और मसूरी से होकर गुजरेगा। इस कॉरिडोर का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि मालवाहक ट्रेनों को अब दिल्ली-एनसीआर के अंदर प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे ट्रेनों के परिचालन में समय की बचत होगी और परिवहन की लागत कम हो जाएगी।

दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण में कमी

परियोजना के पूरा होने के बाद, दिल्ली-एनसीआर के भीतर ट्रैफिक जाम की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। मालवाहक ट्रेनों के संचालन से सड़क परिवहन पर निर्भरता घटेगी, जिससे सड़क दुर्घटनाओं और जाम की स्थिति में कमी आएगी। इसके अलावा, रेल परिवहन सड़क परिवहन से अधिक पर्यावरण-friendly है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।

औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसर

यह परियोजना औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी। नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे औद्योगिक केंद्रों को जोड़ने के कारण यह कॉरिडोर लॉजिस्टिक्स खर्चों को कम करेगा और औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि को बढ़ावा देगा। इसके परिणामस्वरूप, क्षेत्र में नए उद्योगों की स्थापना और व्यापार की सुविधाओं में वृद्धि होगी, जिससे निवेशकों के लिए यह क्षेत्र और अधिक आकर्षक बन जाएगा। इसके साथ ही, यह परियोजना नौकरी के अवसरों को भी बढ़ावा देगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

मार्ग चयन और पर्यावरणीय विचार

GDA के वीसी अतुल वत्स ने बताया कि परियोजना के मार्ग को लेकर चर्चाएँ चल रही हैं। इसे ईस्टर्न पेरिफेरल के अंदर या मसूरी की ओर से ले जाने पर विचार किया जा रहा है। मार्ग के चयन में क्षेत्रीय विकास और पर्यावरणीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा।

सरकार और GDA की सक्रियता

उत्तर प्रदेश सरकार और GDA इस परियोजना के प्रति पूरी तरह से सक्रिय हैं। फिजिबिलिटी स्टडी के लिए धनराशि पहले ही जारी की जा चुकी है, और सभी प्रक्रियाएँ तेज़ी से पूरी की जा रही हैं। इसे PPP मॉडल के तहत लागू करने की योजना है, जिससे यह परियोजना समय पर पूरी हो सके।

यह परियोजना न केवल ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी, बल्कि औद्योगिक विकास को नई दिशा देने का काम करेगी, जिससे देश की आर्थ‍िक स्थिति को मजबूती मिलेगी।