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NPS vs UPS: बुढ़ापा मौज में काटना है? जानिए 1 लाख पेंशन के लिए कितनी करनी होगी बचत!

NPS vs UPS: अगर आप रिटायरमेंट के बाद हर महीने 1 लाख रुपये पेंशन चाहते हैं, तो आपको सही निवेश प्लानिंग करनी होगी। नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) के तहत कितना निवेश करना होगा, जानने के लिए नीचे पढ़ें पूरी डिटेल
 
जानें कितना करना होगा निवेश!
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Haryana update, NPS vs UPS: सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर है – अगले वित्त वर्ष से रिटायरमेंट के लिए दो बेहतरीन पेंशन योजनाओं में से चुनने का विकल्प मिलेगा। 1 अप्रैल 2025 से केंद्रीय कर्मचारियों को अब दो विकल्प दिए जा रहे हैं: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और एकीकृत पेंशन योजना (UPS)। आइए जानते हैं दोनों योजनाओं के बारे में विस्तार से।

NPS और UPS – कौन सी है सबसे उपयुक्त?  NPS vs UPS

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS): 
NPS को जनवरी 2004 में शुरू किया गया था, जिसने पुरानी पेंशन योजना (O.P.S.) की जगह ली और अब यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मानक पेंशन योजना बन चुकी है।

  • निवेश का तरीका:
    NPS में निवेश करते समय आपको अपने फंड का एक हिस्सा बाजार-लिंक्ड फंडों – जैसे कि इक्विटी, लोन और अन्य निवेश – में लगाया जाता है।
  • रिटर्न का निर्धारण:
    NPS में मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह से बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है, जिससे यह योजना थोड़ी जोखिमपूर्ण हो सकती है।
  • उपलब्ध विकल्प:
    निवेशकों को नियमित योगदान करना होता है और 60 वर्ष की आयु के बाद एकमुश्त राशि के साथ-साथ मासिक पेंशन दोनों का लाभ मिलता है।

एकीकृत पेंशन योजना (UPS):

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UPS, सरकार द्वारा हाल ही में स्थापित की गई नई पेंशन योजना है, जो अप्रैल 2025 से लागू होगी।

  • निवेश का तरीका:
    UPS में निवेश करते समय आप अपनी आय और जरूरत के हिसाब से विभिन्न निवेश विकल्प चुन सकते हैं, परन्तु यहाँ मुख्य रूप से सरकारी बांड और सुरक्षित स्कीमों में निवेश किया जाता है।
  • सरकारी योगदान:
    इस योजना में सरकार मुख्य रूप से कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के योग का 18.5% योगदान देती है, जबकि कर्मचारी का योगदान 10% रहेगा।
  • सुरक्षा और जोखिम:
    UPS में निवेश सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसमें तय दर से पेंशन प्रदान की जाती है, जिससे यह NPS की तुलना में कम जोखिम वाली योजना है।

सैलरी और पेंशन में इजाफे का कैलकुलेशन NPS vs UPS

उदाहरण:
मान लीजिए कोई सरकारी कर्मचारी 25 वर्ष की आयु में नौकरी में शामिल होता है और 60 वर्ष की आयु में रिटायर होता है, यानी 35 साल की सेवा पूरी करता है। यदि रिटायरमेंट से पहले आखिरी 12 महीनों का औसत मूल वेतन 2 लाख रुपये प्रति माह है, तो UPS योजना में 50% की गारंटीड पेंशन के हिसाब से उसे 1 लाख रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी।

  • यदि हम मान लें कि हर साल 4.5% की वृद्धि भी हो, तो 61 वर्ष की उम्र में यह पेंशन बढ़कर लगभग 1,04,500 रुपये प्रति माह हो जाएगी।

NPS में निवेश का कैलकुलेशन:
मान लीजिए कोई व्यक्ति 25 वर्ष की आयु से काम करना शुरू करता है और 60 वर्ष में रिटायर होता है। उसे हर महीने लगभग 16,800 रुपये का योगदान करना होता है (जिसमें 10% कर्मचारी और 14% सरकार का योगदान शामिल है)।

  • इस निवेश से अनुमानित 9% के रिटर्न के आधार पर कुल निवेश 70.6 लाख रुपये तक पहुंच सकता है, जिससे कुल रिटर्न लगभग 4.27 करोड़ रुपये हो सकता है।
  • क्लोजिंग अमाउंट लगभग 4.98 करोड़ रुपये होने पर, यदि इसमें से 40% फंड पेंशन के लिए आवंटित किया जाए (यानी लगभग 1.99 करोड़ रुपये), और यदि एकमुश्त निकासी 60% (लगभग 2.99 करोड़ रुपये) के रूप में की जाए, तो कैलकुलेशन के हिसाब से आपकी मासिक पेंशन लगभग 1 लाख रुपये हो सकती है।

दोनों योजनाओं में अंतर और जोखिम NPS vs UPS

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  • NPS:

    • बाजार आधारित निवेश के कारण रिटर्न में उतार-चढ़ाव रहता है।
    • कोई निश्चित पेंशन गारंटी नहीं है, इसलिए इसमें निवेश जोखिम अधिक है।
  • UPS:

    • मुख्य रूप से सरकारी बांड और सुरक्षित स्कीम में निवेश होता है।
    • इसमें निवेश से मिलने वाला रिटर्न स्थिर रहता है और पेंशन का लाभ गारंटीड होता है।
    • इसलिए यह कम जोखिम वाली योजना मानी जाती है।