अब UPI से पैसे भेजने पर लगेगा चार्ज! जानें अब कितनी लगेगी फीस? UPI Fees Hike
UPI Fees Hike – UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) को भारत में वर्षों से कोई विकल्प नहीं बनाया गया है, छोटे-छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े व्यवसायों तक, सभी ने इसे अपनाया है. लेकिन अब लगता है कि UPI के "फ्री" होने का दौर खत्म हो सकता है, जिससे ग्राहकों पर लागत का बोझ डाला जाएगा।

UPI Fees Hike – अब तक, सरकार ने ₹2000 से कम के UPI ट्रांजैक्शन्स पर सब्सिडी देकर इसे फ्री बनाए रखा था। लेकिन अब सरकार इस सब्सिडी को खत्म कर रही है, इसलिए कंपनियों को नए उपाय खोजने होंगे। इसलिए Google Pay, Paytm और PhonePe जैसे UPI ऐप्स अब कुछ भुगतान पर चार्ज करने के लिए तैयार हैं।
उदाहरण के लिए, Google Pay ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर 0.5 प्रतिशत से 1 प्रतिशत चार्ज लगाया है। इसी तरह, Paytm और PhonePe ने मोबाइल रिचार्ज जैसी सर्विसेज़ पर फीस लेना शुरू कर दिया है। अब तक पूरी तरह फ्री रहे UPI प्रणाली में ये एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है।
बढ़ता वित्तीय बोझ
UPI में फ्री ट्रांजैक्शन्स को बनाए रखने के लिए सरकार को हर साल बड़ी रकम देनी पड़ी। सरकार सिर्फ ₹12,000 करोड़ पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शन्स पर खर्च कर रही थी, जिसमें से ₹4,000 करोड़ ₹2000 से कम के ट्रांजैक्शन्स पर खर्च हो रहे थे।
सरकार ने धीरे-धीरे इस सब्सिडी को कम करने का फैसला किया:
अब जब ये सब्सिडी हट रही है, तो UPI कंपनियां इसकी भरपाई ग्राहकों से वसूलने की कोशिश कर सकती हैं।
यूज़र्स पर असर
आज के समय में UPI हमारे रोजमर्रा के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। चाहे वह मोबाइल रिचार्ज करना हो, बिजली का बिल भरना हो, पेट्रोल भरना हो या इंश्योरेंस प्रीमियम चुकाना हो, आम यूजर अपनी 60-80% भुगतान UPI से करता है।
अगर अब इन ट्रांजैक्शन्स पर चार्ज लगने लगे, तो यह आम जनता के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। खासकर उन लोगों के लिए जो रोज़ाना छोटे-छोटे ट्रांजैक्शन्स UPI से करते हैं। फ्री और आसान होने की वजह से ही लोग UPI को इतना पसंद करते हैं, लेकिन अगर इसमें फीस जुड़ गई तो लोग दूसरे विकल्प तलाशने लगेंगे।
अब देखने वाली बात यह होगी कि UPI पर चार्ज लगने के बाद लोग इसे कितनी तेजी से अपनाते हैं या फिर कोई नया पेमेंट सिस्टम इस खाली जगह को भरने के लिए सामने आता है!