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New Pay Commission : ऐसे बढ़ेगी केंद्रीय कर्मचारियों की तंख्वाह, देखिए चार्ट

New Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने को लेकर नई सिफारिशें तैयार की जा रही हैं। इसमें बेसिक पे बढ़ाने के साथ-साथ DA, HRA और अन्य अलाउंस को लेकर बड़ा बदलाव किया जा सकता है। नए पे कमीशन से कर्मचारियों की सैलरी में अच्छा इजाफा होगा। नीचे पढ़ें पूरी डिटेल

 
New Pay Commission : ऐसे बढ़ेगी केंद्रीय कर्मचारियों की तंख्वाह, देखिए चार्ट 
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8th Pay Commission Latest Update : मोदी सरकार ने इसी महीने आठवें वेतन आयोग का ऐलान किया किया किया किया किया है। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को नए साल में यह खुशखबरी मिल गई और अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि अगली सैलरी और पेंशन किस आधार पर बढ़ेगी। बता दें कि कटठरीब क्टंठणरीय के 8th Pay Commission से फायदा मलठठ उम्मीद है। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए किस फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है?


केंद्र सरकार द्वारा बहुत जल्द आठवें वेतन आयोग की कमेटी के गठन का ऐलान किए जाने की उम्मीद है। इसमें एक चेयरमैन और दो सदस्य होंगे। एक बार आधिकारिक तौर पर इस समिति का गठन होने के बाद स्टेकहोल्डर्स, सरकार को केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में इजाफे से जुड़ा प्रस्ताव पेश करेंगे।


उम्मीद की जा रही है कि मौजूदा आर्थिक परिस्थियों को देखते हुए, सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की तरह ही आठवें वेतन आयोग में भी केंद्रीय सरकारी कर्मियों की सैलरी और पेंशन बढ़ोत्तरी से जुड़े फैसले के लिए Aykroyd फॉर्मूला का इस्तमाल किया जाएगा। सबसे पहले समझते हैं कि Aykroyd फॉर्मूला क्या है और 7th पे पैनल की सिफारिशों को इसने किस तरह आकार दिया…


क्या है Aykroyd Formula?

जीवनयापन की न्यूनतम लागत का अनुमान लगाने के लिए न्यूट्रिशियनिस्ट डॉ. वालेस अय्क्रोयड द्वारा Aykroyd फॉर्मूला विकसित किया गया था। इस फॉर्मूला ने एक औसत कर्मचारी की पोषण (nutritional) संबंधी जरूरतों के आधार पर वेतन की कैलकुलेशन करने का सुझाव दिया। एक आदर्श वेतन (ideal wage) की गणना के लिए फार्मूला विकसित करने के लिए, Aykroyd ने एक कर्मचारी की आवश्यक जरूरतों, जैसे भोजन, कपड़े और आवास पर ध्यान केंद्रित किया।


एक कर्मचारी और उनके परिवार के लिए न्यूनतम सैलरी निर्धारित करने के लिए 1957 में 15वें Indian Labour Conference (ILC) द्वारा फॉर्मूला अपनाया गया था, जिसमें पति/पत्नी और दो बच्चे (तीन उपभोग इकाइयों के बराबर) शामिल हैं।

Aykroyd फॉर्मूला, प्रोटीन और फैट की निश्चित मात्रा सहित संतुलित आहार पर जोर देते हुए, उचित वेतन मानदंड तय करने के लिए एक वयस्क के लिए न्यूनतम 2,700 कैलोरी का सुझाव देता है। यह फ़ॉर्मूला उनके उच्च पोषण मूल्य के लिए दूध, अंडे और मांस जैसे पशु प्रोटीन को शामिल करने के महत्व पर भी प्रकाश डालता है।

7th Pay commission में Aykroyd Formula का यूज कैसे किया गया

सातवें वेतन आयोग ने Aykroyd Formula का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया था। इस वेतन वृद्धि की कैलकुलेशन उस समय रहने की लागत और पोषण संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर की गई थी।

सातवें वेतन आयोग ने करीब 10 साल पहले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी और पेंशन रिवाइज करने के लिए 2.57 फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल किया। इस फिटमेंट फैक्टर पर आधारित वेतन मैट्रिक्स, Aykroyd फॉर्मूले का इस्तेमाल करते हुए 2016 से किया जा रहा है यानी जब 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की गई थीं।

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यह वेतन मैट्रिक्स न्यूनतम वेतन की गणना के आधार के रूप में Aykroyd फॉर्मूला का इस्तेमाल करते हुए वेतन स्तर और सालाना वृद्धि को दिखाता है। इस अप्रोच ने उचित और आवश्यकता-आधारित सैलरी सुनिश्चित करने के लिए मुद्रास्फीति पर विचार किया।

आठवें पे कमीशन से क्या उम्मीदें

आठवें पे कमीशन के लिए भी इसी अप्रोच का इस्तेमाल किए जाने की उम्मीद है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वेतन वर्तमान जीवन-यापन लागत के अनुरूप हो, Aykroyd फॉर्मूले को अपडेटेड बाज़ार डेटा के साथ मैच हों।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसी उम्मीद है कि सरकार 1.92 से 2.86 के बीच फिटमेंट फैक्टर चुन सकती है। अगर फिटमेंट फैक्टर को 2.86 तय किया जाता है तो एक सरकारी कर्मचारी की न्यूनतम बेसिक सैलरी 51,480 रुपये तक जा सकती है। जो मौजूदा न्यूनतम सैलरी से 18,000 रुपये ज्यादा है। इसी तरह, पेंशन मौजूदा 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो जाएगी।


वेतन और पेंशन बढ़ोतरी की गणना फिटमेंट फैक्टर को पिछले न्यूनतम वेतन या पेंशन राशि से गुणा करके की जाती है।

बता दें कि फिटमेंट फैक्टर से जुड़ी यह कैलकुलेशन अभी सिर्फ अनुमान है। हो सकता है कि सरकार कम फिटमेंट फैक्टर पर सहमत हो क्योंकि पे कमीशन द्वारा दिया जाने वाला सुझाव और सरकार द्वारा दी जाने वाली अंतिम मंजूरी में फर्क होता है। स्वीकार किए गए फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन रिवाइज होगी।

अब जबकि ऐलान हो चुका है, 8वां वेतन आयोग नियुक्त होने के बाद अपना काम शुरू कर देगा। यदि इस महीने नियुक्त किया जाता है, तो तीन सदस्यीय पैनल के पास सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपने के लिए लगभग 11 महीने का समय होगा। विभिन्न जिम्मेदारियों के बीच, आयोग फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश करेगा। इसके अलावा, पैनल अन्य प्रमुख तौर-तरीकों का भी प्रस्ताव देगा।