Haryana: नायब सरकार ने दी बड़ी राहत: थैलेसीमिया और हीमोफीलिया मरीजों को हर महीने मिलेंगे 3 हजार रुपये!
Haryana News: हरियाणा में नायब सिंह सैनी सरकार ने थैलेसीमिया और हीमोफीलिया के मरीजों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। अब इन मरीजों को हर महीने 3 हजार रुपये की मदद दी जाएगी, जिससे उनका इलाज और जीवन स्तर बेहतर हो सके। यह कदम स्वास्थ्य सेवा में सुधार और मरीजों के लिए राहत देने के लिए उठाया गया है। जानिए इस सहायता योजना की पूरी जानकारी, नीचे पढ़ें पूरी डिटेल।

Haryana update : हरियाणा सरकार ने थैलेसीमिया और हीमोफीलिया के मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब इन मरीजों को हर महीने तीन हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। यह पेंशन उन मरीजों को दी जाएगी, जिनके परिवार की वार्षिक आय तीन लाख रुपये तक है, और वे दिव्यांगता की श्रेणी में आते हैं। इसके अलावा, 18 वर्ष से अधिक आयु के मरीज विकलांग पेंशन के पात्र होंगे।
कैबिनेट में हुआ निर्णय, अब शुरू होगा लाभ:
यह निर्णय 30 जनवरी को तात्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था, लेकिन अब तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं हो पाई थी। अब सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी अनुपमा ने "हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम-2016" में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे सभी पात्र मरीजों को पेंशन का लाभ मिलने लगेगा।
सभी मरीजों को मिलेगा पेंशन का लाभ:
स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के अनुसार, हरियाणा में थैलेसीमिया के 1300 और हीमोफीलिया के 783 मरीज हैं, यानी कुल 2083 मरीजों को साल में साढ़े सात करोड़ रुपये की पेंशन दी जाएगी। इस कदम से इन मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
मूल निवासी होना जरूरी:
इस योजना का लाभ उठाने के लिए मरीज का हरियाणा का मूल निवासी होना जरूरी है और साथ ही उसे पिछले तीन साल से हरियाणा में रहना चाहिए। पेंशन ले रहे मरीजों का हर साल स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन द्वारा सत्यापन किया जाएगा।
विकलांग पेंशन योजना में अन्य श्रेणियां:
हरियाणा में 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगों को पेंशन मिलती है। इसके अलावा अंधापन, कम दृष्टि, कुष्ठ रोगी, श्रवण दोष, शारीरिक विकलांगता, मानसिक विकलांगता, मानसिक बीमारी से ग्रस्त लोगों को विकलांगता पेंशन दी जाती है। राज्य में कुल 14 श्रेणियों में पेंशन दी जा रही है, जिनमें विधवा, निराश्रित महिलाएं, कश्मीरी प्रवासी, कैंसर रोगी, बौना भत्ता, किन्नर भत्ता और अन्य लोग शामिल हैं।