logo

Indian Railway: क्या आपको भी पता है कि हमारे देश में सबसे बेहतरीन रेलवे नेटवर्क है, और किसके पास है सबसे ज्यादा ट्रेनें

Railway Update:अगर आपसे कोई पुछे की किस राज्य में सबसे ज्यादा ट्रेन है, तो क्या आप बता पाएगे. आज हम आपको बताएगे कि इस राज्य का सबसे बड़ा ट्रैनों का संचालन है. और रेल नेटवर्क के मामले कोन सा राज्य पहले नंबर पर है. हम देगे आपको इसका जवाब.

 
क्या आपको भी पता है कि हमारे देश में सबसे बेहतरीन रेलवे नेटवर्क है, और किसके पास है सबसे ज्यादा ट्रेनें

Haryana Update: भारतीय ट्रेन केवल किसी एक देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में फेमस है. एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए इसमें हजारों करोड़ों लोग सफर करते हैं. एक तरह से भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन के रूप में देखा जाता है.

ट्रेन से सफर करना काफी सुरक्षित और सस्ता है. रेल नेटवर्क के मामले में भारत दुनिया में चौथे नंबर पर है. भारत से पहले 3 देश और हैं जिनका रेल नेटवर्क दुनिया में सबसे बड़ा है. इसमें पहले नंबर पर अमेरिका आता है. इसका रेल नेटवर्क 2,57,560 किलोमीटर लंबा है. वहीं दूसरे नंबर पर चीन है.

भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन कहा जाता है. ट्रेन से सफर करना काफी सुरक्षित है और सस्ता होता है. जिसके चलते ट्रेन से एक दिन में लाखों लोग सफर करते हैं. आज हम आपको बताएंगे भारत में कौन सा राज्य सबसे अधिक ट्रेनों का संचालन करता है. रेल नेटवर्क के मामले में कौन पहले नंबर पर है.

काफी बड़ा है इस राज्य का रेलमार्ग

उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. हालांकि, यह भारत के राज्यों में छठा सबसे अधिक रेलवे घनत्व वाला राज्य है. राज्य में 9077.45 किलोमीटर का रेलवे नेटवर्क है जो इसे देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है.

Indian Railway: अपने यात्रियों को देखते हुए रेलवे विभाग ने लिया बड़ा फैसला! जाने किसको मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

वहीं लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन भारत के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक है, इस स्टेशन से 300 से अधिक ट्रेनें रोज गुजरती हैं. इस स्टेशन पर 15 प्लेटफॉर्म हैं जिनसे रोजाना 3.50 लाख से अधिक व्यक्ति सफ़र करते हैं. वहीं रेल नेटवर्क के मामले में दूसरे नंबर की बात करें तो वो राज्स्थान का है.

जाने किसने बनवाया था ये स्टेशन

चारबाग रेलवे की स्थापना 1914 में हुई थी और यह 1923 में बनकर तैयार हुआ था. इसका डिजाइन ब्रिटिश आर्किटेक्ट जे.एच. ने बनाया था. इसके निर्माण के दौरान भारतीय इंजीनियर चौबे मुक्ता प्रसाद ने भी अहम भूमिका निभाई थी. उस समय इस रेलवे स्टेशन को बनाने में 70 लाख रुपये की लागत आई थी.

स्टेशन के सामने, एक बड़ा पार्क है और स्टेशन स्वयं राजपूत, अवधी और मुगल वास्तुशिल्प प्रभावों को प्रदर्शित करता है. इसके अलावा कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पांचवा सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है. यहां से प्रतिदिन 280 से अधिक ट्रेनें गुजरतीं हैं. कानपुर सेंट्रल के 10 प्लेटफोर्म हैं. लोगों के लिए इसे 1930 में खोला गया था.

Indian Railway: अगर बिना किसी रुकावट करना चाहते है ट्रेन की यात्रा, तो अपनाए ये बेहतरी जुगाड़, त्‍योहारों पर भी आराम से मिल जाएगी टिकट

click here to join our whatsapp group