Indian Railways: 31 तारीख से पटरी पर उतरेगी नई स्पेशल ट्रेन, डीजल और बिजली को अलविदा
Indian Railways: अब डीजल और बिजली से चलने वाली ट्रेनें होंगी पुरानी, रेलवे 31 तारीख से शुरू करने जा रहा है खास ट्रेन। यह नई तकनीक से लैस होगी और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए संचालित की जाएगी। इससे यात्रा होगी ज्यादा किफायती और सुविधाजनक। जानें इस नई ट्रेन की खासियतें और किन रूटों पर चलेगी, पूरी जानकारी नीचे।
Mar 8, 2025, 06:27 IST
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Haryana update, Indian Railways: आजकल देश में रेलवे अपनी अधिकांश सेवाओं में विद्युत चालित ट्रेनों का उपयोग कर रहा है। लेकिन आने वाले दिनों में, बिजली या डीजल से चलने वाली ट्रेनें धीरे-धीरे गायब होने वाली हैं। अब सवाल उठता है – फिर ये ट्रेन किस ऊर्जा स्रोत से चलेगी?
हाइड्रोजन ट्रेन: नई तकनीक का परिचय Indian Railways
आपको बता दें कि भारतीय रेलवे अब अपनी पहली हा इड्रोजन से चलने वाली ट्रेन पेश करने जा रहा है। यह ट्रेन 31 मार्च से चलने लगेगी और यह न केवल यात्रियों के लिए एक नया अनुभव होगी, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति भी अत्यंत मित्रवत साबित होगी।
- निर्माण स्थल: यह ट्रेन चेन्नई की एक प्रमुख फैक्ट्री, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार हुई है।
- मार्ग: इसे दिल्ली डिवीजन के एक महत्वपूर्ण रेलवे मार्ग पर चलाने की योजना है।
- इंजन क्षमता: इस ट्रेन का इंजन 1,200 हॉर्सपावर तक की क्षमता रखता है, जो कि अन्य देशों की ट्रेनों के मुकाबले दोगुनी है।
- ऊर्जा स्रोत: ट्रेन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोजन से ऊर्जा उत्पन्न करेगी, जिससे केवल पानी का वाष्प निकलता है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।
परियोजना पर सरकारी निवेश और स्वदेशी तकनीक Indian Railways
केंद्र सरकार इस हाइड्रोजन ट्रेन प्रोजेक्ट पर लंबे समय से काम कर रही थी। रेल मंत्रालय ने 35 हाइड्रोजन ईंधन पर चलने वाली ट्रेनों के निर्माण के लिए 2,800 करोड़ रुपये का बजट तय कर दिया है।
- रेल मंत्रालय का बयान: रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस ट्रेन की पूरी डिजाइन और तकनीक देश में ही विकसित की गई है।
- स्वदेशी तकनीक का महत्व: यह कदम स्वदेशी तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ हरित परिवहन को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
पर्यावरण पर प्रभाव और लाभ
हाइड्रोजन ट्रेन का मुख्य फायदा यह है कि यह पूरी तरह से स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करती है।
- पर्यावरण संरक्षण: इस ट्रेन से केवल पानी का वाष्प निकलता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण पर इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- प्रदूषण में कमी: यदि इसका परीक्षण सफल होता है, तो भारतीय रेलवे प्रदूषण कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा।
- हरित परिवहन: यह परियोजना भारत को उन देशों की सूची में शामिल करेगी, जो हरित परिवहन को अपनाने में अग्रणी हैं।
नई इंफ्रास्ट्रक्चर और भविष्य की संभावनाएँ Indian Railways
भारतीय रेलवे न केवल इस नई तकनीक को अपनाने जा रहा है, बल्कि हाइड्रोजन ईंधन को भरने की सुविधाओं के लिए भी नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है।
- नई ट्रेन की खूबियां: यह ट्रेन सबसे शक्तिशाली और लंबी ट्रेन होने की संभावना रखती है, जिससे रेलवे का पर्यावरणीय प्रभाव काफी हद तक कम होगा।
- स्वच्छ और टिकाऊ यात्रा: इस पहल से भारत में स्वच्छ और टिकाऊ यात्रा को बढ़ावा मिलेगा, जो आने वाले समय में रेलवे परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।