Income Tax: टैक्स चोरी करने वालों की खैर नहीं! आयकर विभाग की नजर टेढ़ी!

जांच क्यों हो रही है?
अवास्तविक आंकड़े: Income Tax
आम तौर पर उपलब्ध सार्वजनिक डेटा और सामान्य रुझानों से यह स्पष्ट नहीं होता कि किसी किसान की जमीन से इतनी अधिक कृषि आय कैसे हो सकती है। ऐसे मामलों में tax बचाने के लिए गलत आंकड़ों का हवाला दिया जाता है, जिससे कर कार्यालय और income जांच निदेशालय की नज़र उन मामलों पर पड़ जाती है।
राजनेताओं और प्रभावशाली पार्टियों की भूमिका: Income Tax
खासकर जब सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से राजनेताओं और प्रभावशाली पार्टियों के स्वामित्व वाली भूमि का मामला आता है, तो ऐसे दावों में घोटाले की संभावना और भी बढ़ जाती है।
जांच के परिणाम और संभावित कार्रवाई Income Tax
income विभाग ने इन अवास्तविक दावों की जांच तेज़ी से शुरू कर दी है। यदि किसी किसान या संस्था ने अपने income रिटर्न में 50 लाख रुपये से अधिक कृषि आय घोषित की है, तो उसे प्रमाणित करना होगा कि यह आय वास्तव में कृषि गतिविधियों से हुई है। विभाग ने जांच के दौरान उपग्रह छवियों का भी सहारा लेने का संकेत दिया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भूमि का उपयोग केवल कृषि उद्देश्यों के लिए ही किया जा रहा है।
इसके अलावा, गैर-कृषि स्रोतों से होने वाली आय – जैसे कि भूमि प्लॉटिंग, शहरी कृषि भूमि की बिक्री, फार्महाउस का किराए पर देना, पोल्ट्री फार्मिंग आदि – को भी tax छूट के योग्य नहीं माना जाता है। ऐसे मामलों में सही लेनदेन रिकॉर्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा, ताकि किसी भी प्रकार के घोटाले को रोका जा सके।
कृषि आय में छूट और नियम Income Tax
income अधिनियम, 1961 के तहत कृषि आय को इनकम tax और वस्तु एवं सेवा कर (GST) से छूट दी गई है। कृषि आय में खेती के उपज की बिक्री, या उन भूमि से मिलने वाला किराया शामिल होता है जो नगरपालिका सीमा से बाहर है या जिन क्षेत्रों में न्यूनतम जनसंख्या कानून लागू होता है। साथ ही, कृषि भूमि की बिक्री से उत्पन्न पूंजीगत लाभ को भी कर-मुक्त माना जाता है, यदि वह धारा 2(14)(iii) के अंतर्गत परिभाषित पूंजीगत संपत्ति के दायरे में न आता हो।
क्या बचाव के उपाय करें? Income Tax
कृषि उद्देश्यों के लिए घोषित आय में संशोधन से बचने के लिए income विभाग यह सुनिश्चित करता है कि:
kisan और संबंधित संस्थाएँ भूमि के उपयोग का पर्याप्त प्रमाण प्रदान करें, जैसे कि उपग्रह छवियों के आधार पर कृषि गतिविधियों की पुष्टि।
लेनदेन रिकॉर्ड और कृषि भूमि से संबंधित दस्तावेज़ सही और अपडेटेड हों, ताकि किसी भी विवाद की स्थिति में उन्हें पेश किया जा सके।
कृषि आय पर tax छूट के बावजूद, कुछ मामलों में अवास्तविक आंकड़ों का दावा करके tax बचाने की कोशिश की जा रही है। income विभाग ने ऐसे मामलों की गहराई से जांच शुरू कर दी है और यदि पाया जाता है कि दावे झूठे हैं, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसानों और अन्य संबंधित पक्षों को सलाह दी जाती है कि वे अपने रिकार्ड और प्रमाणिक दस्तावेज़ तैयार रखें, ताकि किसी भी कानूनी जटिलता से बचा जा सके।