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Income Tax Notice: ये 7 ट्रांजेक्शन पड़े सकते हैं भारी, गलती की तो आ जाएगा इनकम टैक्स नोटिस!

Income Tax Notice: अगर आप इनकम टैक्स नोटिस से बचना चाहते हैं तो कुछ खास लेनदेन से दूरी बनाना जरूरी है। कुछ ऐसे 7 ट्रांजेक्शन्स हैं जिन्हें करने पर आप आयकर विभाग की नजर में आ सकते हैं। कौन-कौन से हैं ये ट्रांजेक्शन और कैसे बचें, नीचे पढ़ें पूरी डिटेल।
 
Income Tax Notice: ये 7 ट्रांजेक्शन पड़े सकते हैं भारी, गलती की तो आ जाएगा इनकम टैक्स नोटिस!
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Haryana update, Income Tax Notice: आयकर विभाग के नियम बहुत सख्त होते हैं, क्योंकि यह विभाग देश के वित्तीय तंत्र को मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। यदि आप कुछ ऐसी ट्रांजेक्शन्स करते हैं जो आयकर विभाग की नजर में आती हैं, तो आपको नोटिस मिल सकता है। यहां कुछ ऐसी ट्रांजेक्शन्स हैं, जिनसे जुड़ा आयकर विभाग का नोटिस आ सकता है।
  1. प्रॉपर्टी में निवेश:  Income Tax Notice
    अगर आप 30 लाख रुपये या इससे अधिक की प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो इसका डाटा आयकर विभाग को मिलता है। इस पर विभाग आपसे ट्रांजेक्शन का कारण पूछ सकता है।

  2. विदेश यात्रा पर खर्च:
    यदि आपने एक साल में विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं, तो आयकर विभाग इसे ट्रैक करता है और आपको नोटिस भेज सकता है।

  3. क्रेडिट कार्ड पेमेंट:  Income Tax Notice
    अगर आप सालाना 2 लाख रुपये से अधिक का खर्च क्रेडिट कार्ड पर करते हैं, तो विभाग आपके खर्चों पर ध्यान दे सकता है और नोटिस भेज सकता है।

  4. कैश में बिल पेमेंट:
    अगर आप 1 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि से क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करते हैं, तो आयकर विभाग इसे संदिग्ध मान सकता है और जांच शुरू कर सकता है।

  5. शेयर बाजार में निवेश:  Income Tax Notice
    अगर आप साल में 10 लाख रुपये से अधिक म्यूचुअल फंड, शेयर, या बॉन्ड्स में निवेश करते हैं, तो विभाग आपसे धन के स्रोत के बारे में सवाल कर सकता है।

  6. बैंक खाता में बड़ी राशि जमा:
    अगर आप बैंक में 10 लाख रुपये या उससे अधिक की कैश डिपॉजिट करते हैं, तो आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है।

  7. बिजनेस ट्रांजेक्शन: Income Tax Notice
    यदि आप किसी बिजनेस ट्रांजेक्शन में 50 हजार रुपये से अधिक का कैश लेन-देन करते हैं, तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है।

इन सभी ट्रांजेक्शन्स को ध्यान में रखते हुए, आपको आयकर विभाग के नियमों के अनुसार ही अपनी वित्तीय गतिविधियों को संचालित करना चाहिए।