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Income Tax विभाग का नया फैसला! अब इन टैक्सपेयर्स की खैर नहीं, जानें बदलाव

Income Tax : आयकर विभाग ने नए कानूनों के तहत टैक्सपेयर्स के लिए कुछ सख्त नियम लागू किए हैं, जिससे कुछ लोगों को भारी परेशानी हो सकती है। जानें कौन से टैक्सपेयर्स पर गिरेगी गाज। नीचे जानें पूरी डिटेल।
 
 
Income Tax विभाग का नया फैसला! अब इन टैक्सपेयर्स की खैर नहीं, जानें बदलाव
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Haryana update, Income Tax : केंद्र सरकार ने 2025 में इनकम टैक्स कानूनों में कुछ अहम बदलाव किए हैं, जो मिडल क्लास के लिए राहत देने वाले साबित हो सकते हैं। इस नए नियम के तहत, 12 लाख रुपये तक की आय को अब इनकम टैक्स से राहत दी जाएगी। हालांकि, जो लोग 12 लाख रुपये से अधिक कमाई करते हैं, उन्हें अपनी आय का ब्यौरा आईटीआर (Income Tax Return) और बैंक के माध्यम से सरकार को देना पड़ता है। इसके साथ ही, इनकम टैक्स विभाग ने नए नियमों के तहत नागरिकों को अतिरिक्त राहत देने के लिए कुछ कानूनी बदलाव किए हैं।

1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे नए नियम     Income Tax

इनकम टैक्स विभाग ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल 2025 से नए आयकर कानून लागू किए जाएंगे। इन नए नियमों के तहत, आयकर विभाग को अब सोशल मीडिया अकाउंट्स, निजी ईमेल, बैंक अकाउंट्स, ऑनलाइन निवेश अकाउंट्स, और ट्रेडिंग अकाउंट्स जैसी व्यक्तिगत जानकारी तक कानूनी पहुंच प्राप्त होगी।

आईटी अधिनियम की धारा 132   Income Tax

आयकर विभाग के अधिकारी आईटी अधिनियम, 1961 की धारा 132 के तहत कार्रवाई करते हैं। इस धारा के तहत, यदि विभाग को यह संदेह है कि किसी व्यक्ति के पास अघोषित आय या संपत्ति हो सकती है, तो वे रेड (Income Tax Raid) के दौरान तलाशी ले सकते हैं और संपत्ति को जब्त भी कर सकते हैं। यह कार्रवाई तब की जाती है जब अधिकारियों के पास संदिग्ध संपत्ति का साक्ष्य या जानकारी होती है।

वर्चुअल डिजिटल स्पेस तक पहुंच      Income Tax

अब तक आयकर विभाग रेड के दौरान केवल अलमारियां, लॉकर, और दरवाजे तोड़ सकते थे। लेकिन नए कानून के तहत, विभागीय अधिकारी कंप्यूटर सिस्टम और वर्चुअल डिजिटल स्पेस तक को एक्सेस करने का अधिकार रखते हैं। यदि उन्हें संदेह है कि किसी व्यक्ति ने अपने डिजिटल अकाउंट्स में अघोषित आय या संपत्ति को छिपा रखा है, तो वे सिस्टम में कोड ओवरराइड करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

आयकर विधेयक के खंड 247 के तहत कार्रवाई  Income Tax

आयकर विधेयक के खंड 247 के तहत, यदि अधिकारियों को किसी व्यक्ति के पास अघोषित संपत्ति की जानकारी मिलती है, तो वे तिजोरी, अलमारी, लॉकर, या किसी अन्य इंस्ट्रूमेंट का ताला तोड़ सकते हैं। इसके अलावा, वे डिजिटल स्पेस में एक्सेस कोड को ओवरराइड करके संबंधित जानकारी हासिल कर सकते हैं।

इन बदलावों का उद्देश्य आयकर चोरी और ब्लैक मनी पर काबू पाना और प्रवर्तन को सख्त करना है। 1 अप्रैल 2025 से यह नए नियम लागू होंगे, और यह हर व्यक्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है कि वे अपने आयकर विवरण सही से और समय पर सरकार को दें।