Income Tax: आपकी ये 5 गलतियां पड़ सकती हैं भारी, तुरंत आ सकता है नोटिस!

1. bank डिपॉजिट में बड़ी रकम जमा Income Tax
अगर आप अपने bank खाते में नकद की बड़ी रकम जमा करते हैं, तो ध्यान रहे कि एक वित्तीय वर्ष में किसी भी व्यक्ति द्वारा 10 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि जमा की जाती है, तो यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को दी जाती है। यदि आपके एक से अधिक खाते हैं और उन सभी में जमा राशि मिलाकर यह सीमा पार हो जाती है, तो विभाग आपसे आपके पैसों के स्रोत के बारे में सवाल कर सकता है।
2. fixed डिपॉजिट में कैश जमा Income Tax
अगर आप fixed डिपॉजिट (FD) में नकद राशि जमा करते हैं, तो भी बड़ी रकम (लगभग 10 लाख रुपये या उससे अधिक) जमा होने पर इसका रिकार्ड संबंधित अधिकारियों को भेजा जाता है। यदि इस लेन-देन में कोई असमान्यता पाई जाती है, तो विभाग आपसे पैसे के स्रोत के बारे में पूछताछ कर सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि किसी भी बड़े नकद लेन-देन की जांच सही तरीके से की जा सके।
3. property ट्रांजेक्शन Income Tax
अगर आप किसी property की खरीद में बड़ी रकम नकद में चुकाते हैं, खासकर 30 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि, तो property रजिस्ट्रार द्वारा इसकी सूचना संबंधित विभाग को दी जाती है। विभाग फिर यह जानने के लिए पूछताछ कर सकता है कि आपने यह बड़ी रकम कहाँ से जुटाई है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि property ट्रांजेक्शन पारदर्शी और वैध हो।
4. बड़े भुगतान में नकद का इस्तेमाल Income Tax
अगर आपने किसी बड़े भुगतान के लिए नकद का उपयोग किया है, तो इसका भी ध्यान रखा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि एक वित्तीय वर्ष में आपने 10 लाख रुपये या उससे अधिक की रकम का भुगतान किया है, और यदि किसी विशेष लेन-देन में 1 लाख रुपये या उससे अधिक का नकद भुगतान हुआ है, तो विभाग आपसे यह पूछ सकता है कि यह पैसा कहाँ से आया। ऐसे मामलों में भी आपको अपने लेन-देन का पूरा हिसाब देना पड़ सकता है।
5. शेयर और अन्य investment में नकद investment - Income Tax
अगर आप शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड में investment के लिए बड़ी रकम नकद का उपयोग करते हैं, तो यह भी विभाग की नजर में आता है। खासकर यदि investment की रकम 10 लाख रुपये या उससे अधिक है, तो संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना मिल जाती है और वे आपसे पैसे के स्रोत के बारे में पूछताछ कर सकते हैं। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि investment पारदर्शी और वैध तरीके से किया जाए।
सही तरीके से और सावधानीपूर्वक वित्तीय लेन-देन करने से आपको अनावश्यक परेशानी से बचने में मदद मिलेगी। यह जानकारी आपके लिए एक चेतावनी है कि अपने लेन-देन पर नजर रखें और जरूरत पड़ने पर अपने वित्तीय रिकॉर्ड को सुरक्षित और प्रमाणिक बनाये रखें।