Income Tax : सरकार क्यों देती है ₹75,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन, कौन नहीं ले सकता फायदा?

स्टैंडर्ड डिडक्शन क्या है?
पहले के समय में सैलरी पाने वाले लोग ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल रीइम्बर्समेंट जैसी छोटी-छोटी छूट का लाभ उठाते थे. इनकी अलग-अलग हिसाब-किताब की प्रक्रिया जटिल होती थी. इसके समाधान के लिए सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा दी. इसके तहत एक निश्चित राशि तय कर दी जाती है जो टैक्सेबल इनकम से घटाई जाती है.
न्यू टैक्स रिजीम के तहत यह राशि 75,000 रुपये है, जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम में यह 50,000 रुपये है.
न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ
उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी सालाना आय ₹13 लाख है और आपको 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलती है, तो आपकी कर योग्य आय ₹12.25 लाख हो जाएगी. इसके अलावा, बजट 2025-26 में 12.75 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री कर दिया गया है. यह सुविधा न्यू टैक्स रिजीम में है, ओल्ड टैक्स रिजीम में नहीं.
नए टैक्स स्लैब
बजट में नए टैक्स स्लैब भी लागू किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं:
- ₹4,00,000 तक – NIL
- ₹4,00,001 – ₹8,00,000 – 5%
- ₹8,00,001 – ₹12,00,000 – 10%
- ₹12,00,001 – ₹16,00,000 – 15%
- ₹16,00,001 – ₹20,00,000 – 20%
- ₹20,00,001 – ₹24,00,000 – 25%
- ₹24,00,000 से अधिक – 30%
कौन इस सुविधा का लाभ उठा सकता है?
यह सुविधा मुख्य रूप से सैलरी पाने वाले और पेंशनभोगियों के लिए है. अगर आप किसी कंपनी में नौकरी करते हैं या पेंशन प्राप्त करते हैं, तो आप इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष से अधिक) और अति वरिष्ठ नागरिक (80 वर्ष से अधिक) को भी यह सुविधा प्राप्त है.
कौन इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सकता?
अगर आप स्वरोजगार करते हैं या अपना खुद का बिजनेस चलाते हैं, तो आप स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ नहीं उठा सकते. इसके अलावा, यदि आपकी आय ब्याज, किराया या पूंजीगत लाभ से होती है, तो भी आपको यह सुविधा नहीं मिलेगी. कंपनियां, फर्म, और अन्य संस्थाएं भी इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सकतीं.
यह सुविधा क्यों दी जाती है?
सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन देने के कई कारणों से यह सुविधा देती है:
- टैक्स फाइलिंग को सरल बनाना: पहले छोटे-छोटे लाभों को दाखिल करने के लिए लोगों को कई दस्तावेज़ी प्रमाण प्रस्तुत करने पड़ते थे. अब यह प्रक्रिया आसान हो गई है.
- टैक्स बोझ कम करना: जब आपकी टैक्सेबल आय कम होती है, तो आपका टैक्स भी कम होता है.
- सैलरी और पेंशनभोगियों को राहत देना: इन लोगों के पास आय अर्जित करने के लिए खर्च दिखाने के सीमित विकल्प होते हैं, इस लिए यह सुविधा उन्हें राहत देती है.
यह सुविधा सैलरी पाने वाले लोगों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत का साधन है, जिससे वे अधिक टैक्स बचत कर सकते हैं.