Property Update: बिना किसी जान-पहचान ऐसे निकालें 100 साल पुराना जमीन रिकॉर्ड!
Property Update: बड़ी खबर! अब बिना किसी जान-पहचान के निकाल सकेंगे जमीन का 100 साल पुराना रिकॉर्ड। सरकार ने प्रक्रिया को आसान बना दिया है, जिससे लोग ऑनलाइन या ऑफलाइन अपने जमीन के दस्तावेज आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। इसमें पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जीवाड़े की संभावना कम होगी। जानें कैसे और कहां से निकाल सकते हैं अपनी जमीन का पुराना रिकॉर्ड, पूरी प्रक्रिया समझें। नीचे जानें पूरी डिटेल।
Mar 7, 2025, 06:08 IST
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Haryana update, Property Update: आजकल जब भी कोई व्यक्ति किसी प्रॉपर्टी को खरीदने की योजना बनाता है, तो सबसे पहले उसके दस्तावेजों की जांच करता है। प्रॉपर्टी के पुराने रिकॉर्ड को सत्यापित करना बेहद जरूरी होता है ताकि किसी तरह की कानूनी परेशानी से बचा जा सके। पहले इसके लिए लोगों को सरकारी विभागों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब यह काम मिनटों में ऑनलाइन किया जा सकता है।
प्रॉपर्टी के दस्तावेजों की जांच क्यों जरूरी है? Property Update
किसी भी प्रॉपर्टी का पुराना रिकॉर्ड देखना इसलिए जरूरी होता है ताकि खरीदार को यह पता चल सके कि:
- प्रॉपर्टी के पहले कितने मालिक रह चुके हैं।
- किसी कानूनी विवाद में यह प्रॉपर्टी तो नहीं फंसी हुई है।
- जमीन पर कोई बकाया ऋण या सरकारी पाबंदी तो नहीं लगी है।
अब लगभग सभी राज्यों ने प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड को डिजिटल कर दिया है, जिससे आप आसानी से ऑनलाइन जांच कर सकते हैं।
ऑनलाइन ऐसे देखें प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड Property Update
अगर आपको किसी प्रॉपर्टी का 100 साल पुराना रिकॉर्ड भी देखना है, तो हर राज्य के राजस्व विभाग ने इसके लिए ऑफिशियल पोर्टल (Revenue Department Portal) लॉन्च किया हुआ है।
- सबसे पहले जिस राज्य में प्रॉपर्टी स्थित है, उस राज्य के भूलेख पोर्टल (Bhulekh Portal) पर जाएं।
- वहां आप नाम, खसरा नंबर, खाता संख्या, या जमाबंदी नंबर से रिकॉर्ड देख सकते हैं।
- बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों के लिए अलग-अलग राजस्व विभाग की वेबसाइट मौजूद है, जहां से आप ऑनलाइन रिकॉर्ड निकाल सकते हैं।
ऑफलाइन ऐसे करें प्रॉपर्टी रिकॉर्ड की जांच Property Update
अगर किसी कारणवश आपको जमीन का रिकॉर्ड ऑफलाइन चेक करना हो, तो इसके लिए आपको राजस्व विभाग (Revenue Department) के कार्यालय में जाना होगा।
- संबंधित अधिकारी को एक आवेदन पत्र देना होगा, जिसमें प्रॉपर्टी का पूरा विवरण भरना होगा।
- इसके बाद आपको जमीन के पुराने रिकॉर्ड की कॉपी दी जाएगी।
- ध्यान दें कि अलग-अलग राज्यों में इस प्रक्रिया के लिए अलग-अलग शुल्क लिया जाता है।