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Home Loan: अपना घर लें या किराए पर रहें? एक्सपर्ट ने बताया कौन सा ऑप्शन फायदेमंद!

Home Loan: घर खरीदना फायदे का सौदा या किराए पर रहना बेहतर? यह सवाल हर आम आदमी के मन में आता है। इसके लिए EMI कैलकुलेटर मदद कर सकता है, जिससे आप अपनी मासिक देनदारी का सही अनुमान लगा सकते हैं। पढ़ें पूरी डिटेल नीचे।
 
Home Loan: अपना घर लें या किराए पर रहें? एक्सपर्ट ने बताया कौन सा ऑप्शन फायदेमंद!
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Haryana update, Home Loan: घर बनाने और किराए पर रहने के फायदे-नुकसान के बारे में सोच रहे हैं? तो आइए जानते हैं कि इन दोनों विकल्पों में क्या-क्या अंतर हैं, ताकि आप अपने लिए सबसे फायदेमंद विकल्प चुन सकें। घर खरीदना किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक बड़ा माइलस्टोन होता है, लेकिन इसके लिए काफी पूंजी की जरूरत होती है। वहीं, किराए पर रहने का विकल्प भी है, जो कुछ मामलों में ज्यादा सुविधाजनक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस फैसले में कई फायदे और नुकसान दोनों होते हैं।

अपना घर खरीदने के फायदे और नुकसान Home Loan

फायदे:

  • एसेट निर्माण: अपना घर खरीदने का मतलब है कि आप एक स्थायी संपत्ति बना रहे हैं।
  • लंबी अवधि में निवेश: आज 50 लाख रुपये का घर 20 साल बाद 1.3 से 1.6 करोड़ रुपये का हो सकता है, क्योंकि रियल एस्टेट सेक्टर की सालाना ग्रोथ रेट लगभग 5-6% है।
  • लोन पर टैक्स छूट: होम लोन पर आप 80C के तहत डेढ़ लाख रुपये और सेक्शन 24 के तहत ब्याज पर 2 लाख रुपये की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
  • स्थिरता: बार-बार शिफ्टिंग की परेशानी नहीं होती और मकान मालिक की शर्तों में उलझना भी नहीं पड़ता।

नुकसान:

  • उच्च शुरुआती लागत: डाउनपेमेंट, स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन चार्ज आदि खर्च बहुत होते हैं।
  • होम लोन का बोझ: EMI के रूप में आपको हर महीने एक निश्चित राशि का भुगतान करना पड़ता है।
  • लिक्विडिटी की समस्या: अगर इमरजेंसी में पैसों की जरूरत पड़े तो संपत्ति को तुरंत बेच पाना मुश्किल हो सकता है।

किराए पर रहने के फायदे और नुकसान Home Loan

फायदे:

  • कम प्रारंभिक खर्च: किराए पर रहने में आपको डाउनपेमेंट या अन्य शुरुआती खर्च नहीं करने पड़ते।
  • लचीलापन: नौकरी बदलने या लोकेशन बदलने की स्थिति में आसानी से घर बदल सकते हैं।
  • अतिरिक्त बचत: अगर आप होम लोन लेते हैं तो EMI के मुकाबले किराए पर रहने में कुछ बचत भी हो सकती है। उदाहरण के तौर पर, 50 लाख के घर में अगर आप किराए पर रहते हैं तो लगभग 20,000 रुपये का किराया खर्च होता है, जिससे आपको EMI के मुकाबले करीब 16,376 रुपये बचते हैं।
  • निवेश के अवसर: इन बचत पैसों को आप SIP जैसी इन्वेस्टमेंट स्कीम में निवेश करके 12% रिटर्न कमा सकते हैं, जिससे 20 साल में आपकी बचत लगभग 1 करोड़ 58 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। साथ ही, डाउनपेमेंट की 10 लाख रुपये की राशि को अलग से निवेश करने पर कुल 96 लाख 46 हजार 293 रुपये मिल सकते हैं, जिससे कुल मिलाकर 20 साल में लगभग ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा बचत हो सकती है।

नुकसान:

  • कोई संपत्ति नहीं मिलती: किराए पर रहने से कोई एसेट नहीं बनता, जिससे भविष्य में घर की खरीदारी का लाभ नहीं मिलता।
  • किराए में लगातार बढ़ोतरी: रेंट हर साल 8-10% तक बढ़ सकता है।
  • मकान मालिक की शर्तें: बिना मकान मालिक की अनुमति के घर में कोई बदलाव नहीं करा सकते।

होम लोन की EMI का उदाहरण Home Loan

मान लीजिए कि आप 50 लाख रुपये के घर के लिए 20% डाउनपेमेंट करते हैं और 80% यानी 40 लाख रुपये का होम लोन लेते हैं। अगर आप 20 साल के लिए 9.15% ब्याज दर पर लोन लेते हैं, तो आपकी मासिक EMI लगभग 36,376 रुपये बनेगी।
इस हिसाब से, 20 साल में आपको कुल 87,30,197 रुपये चुकाने होंगे, जिसमें 40 लाख रुपये मूलधन है और लगभग 47 लाख रुपये ब्याज के रूप में बैंक को दिए जाएंगे। इस प्रकार, 20 साल बाद घर की कुल कीमत लगभग एक करोड़ रुपये के आसपास हो जाती है।