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Home Loan Reality: EMI के साथ लगते हैं ये चार बड़े चार्ज, जानिए अभी!

Home Loan Reality: होम लोन लेने से पहले आपको सिर्फ EMI नहीं बल्कि उससे जुड़े चार्जेस की भी जानकारी होनी चाहिए। जैसे प्रोसेसिंग फीस, लॉन अप्रूवल चार्ज, टेक्निकल व लीगल चार्ज जैसे कई शुल्क जुड़ते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि होम लोन के साथ कौन-कौन से चार्ज लगते हैं नीचे जानें पूरी डिटेल।
 
Home Loan Reality: EMI के साथ लगते हैं ये चार बड़े चार्ज, जानिए अभी!
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Home Loan Reality, Haryana update : हर व्यक्ति अपने खुद के घर का सपना देखता है, लेकिन कई बार पैसों की कमी के कारण यह सपना अधूरा रह जाता है। ऐसे में होम लोन (Home Loan) एक बड़ी मदद साबित हो सकता है। हालांकि, लोन लेते समय यह समझना जरूरी है कि इसे समय पर चुकाना भी आवश्यक है, वरना वित्तीय परेशानियां बढ़ सकती हैं। अगर आप भी होम लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो आपको इसके नियमों और शर्तों के अलावा उन चार्जेस के बारे में भी जानना चाहिए, जो लोन लेते समय चुकाने पड़ते हैं।

1) एप्लिकेशन चार्ज

जब आप किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से होम लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो इसके लिए आपको एप्लिकेशन चार्ज देना पड़ता है। यह चार्ज लोन अप्रूवल से पहले ही लिया जाता है और यदि लोन अप्रूव नहीं होता, तो भी यह राशि रिफंड नहीं की जाती। इसलिए लोन के लिए आवेदन करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप किस बैंक या वित्तीय संस्थान से लोन लेना चाहते हैं।

2) मॉर्गिज डीड चार्ज

होम लोन लेते समय मॉर्गिज डीड चार्ज (Mortgage Deed Charge) सबसे बड़ा शुल्क होता है। यह चार्ज लोन की कुल राशि के एक निश्चित प्रतिशत के रूप में लिया जाता है। हालांकि, कुछ बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) इस चार्ज को माफ कर सकती हैं। लोन लेने से पहले यह जांचना जरूरी है कि आपके बैंक में यह चार्ज लागू है या नहीं।

3) लीगल फीस

लोन की प्रक्रिया के दौरान बैंक या वित्तीय संस्थान बाहरी वकीलों को नियुक्त करता है, जो लोनधारक की संपत्ति और उसकी कानूनी स्थिति की जांच करते हैं। इसके लिए लीगल फीस ग्राहक को ही चुकानी पड़ती है। अगर आप इस चार्ज से बचना चाहते हैं, तो पहले ही यह सुनिश्चित कर लें कि जिस प्रॉपर्टी में आप निवेश कर रहे हैं, उसे बैंक या वित्तीय संस्थान ने पहले से मंजूरी दी है या नहीं।

4) प्रीपेमेंट चार्ज

अगर आप लोन की राशि को तय समय से पहले चुकाना चाहते हैं, तो इसे प्रीपेमेंट कहा जाता है। कई बैंक और वित्तीय संस्थान इस स्थिति में प्रीपेमेंट चार्ज या पेनल्टी लगाते हैं। यह चार्ज अलग-अलग बैंकों के नियमों पर निर्भर करता है और यह लोन के प्रकार के अनुसार भी अलग हो सकता है।

5) कमिटमेंट फीस

कुछ बैंक ग्राहकों से कमिटमेंट फीस भी लेते हैं। यह शुल्क तब लगाया जाता है जब ग्राहक तय समय सीमा के भीतर लोन की राशि का भुगतान नहीं करता। आमतौर पर यह फीस उन लोन मामलों में लगती है, जहां लोन की संपूर्ण राशि अभी वितरित (disburse) नहीं हुई होती है।

होम लोन लेते समय किन बातों का ध्यान रखें?

  • ब्याज दर की तुलना करें – लोन के आवेदन से पहले विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ब्याज दरों और सुविधाओं की तुलना करें।
  • बजट के अनुसार लोन लें – अपने वित्तीय स्थिति के हिसाब से लोन लें। यदि आप बहुत अधिक राशि का लोन लेते हैं, तो ईएमआई चुकाने में परेशानी हो सकती है।
  • लोन एग्रीमेंट को ध्यान से पढ़ें – दस्तावेजों पर साइन करने से पहले नियम और शर्तों को अच्छी तरह समझ लें। यदि कोई शर्त समझ नहीं आ रही है या बदलाव की जरूरत है, तो बैंक से बातचीत कर सकते हैं।
  • ब्याज दर और ईएमआई कैलकुलेशन करें – लोन लेने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी मासिक आय और खर्चों के अनुसार आपकी ईएमआई प्रबंधनीय हो।

अगर आप इन जरूरी बातों को ध्यान में रखते हुए होम लोन लेते हैं, तो आपको वित्तीय परेशानी से बचने में मदद मिलेगी और आपका घर का सपना भी बिना किसी बाधा के पूरा हो सकेगा।