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Home Loan EMI: होम लोन लेकर घर खरीदना या किराए पर रहना बेहतर, फैसला लेने से पहले जान लें ये बातें...

Home Loan EMI: हर व्यक्ति एक घर खरीदना चाहता है। वर्तमान में, बहुत से लोग होम लोन लेकर अपने सपनों का घर खरीदते हैं। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि किराये पर रहना बेहतर है। ऐसे में, आपको ये निर्णय लेने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानना बहुत जरूरी है:
 
Home Loan EMI: होम लोन लेकर घर खरीदना या किराए पर रहना बेहतर, फैसला लेने से पहले जान लें ये बातें...
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Haryana Update : Digital Desk (Home Loan EMI): हर व्यक्ति घर खरीदना चाहता है। वर्तमान में, बहुत से लोग होम लोन लेकर अपने सपनों का घर खरीदते हैं। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि किराये पर रहना बेहतर है। लेकिस सच है और इसका समाधान भी बहुत मुश्किल नहीं है।



किसी भी संपत्ति की कीमत उसके स्थान पर निर्भर करती है। यदि आप एक घर खरीदने या बनाने की सोच रहे हैं, तो आपको अपने आसपास की जगहों का विचार करना चाहिए। ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा, मेडिकल फैसिलिटीज और स्कूल प्रॉपर्टी की लागत को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, शहर के केंद्र के करीब स्थानों पर कीमतें अधिक होती हैं, जबकि दूर स्थानों पर कम हो सकती हैं।

इस प्रकार समझते हैं:

एक व्यक्ति, जो एक सरकारी संस्था में काम करता है, दिल्ली-एनसीआर में 2BHK फ्लैट खरीदने की योजना बना रहे हैं। उन्हें शहर में एक नई रेसिडेंशियल सोसायटी में 35 लाख रुपये का फ्लैट पसंद आया है। विवेक को घर खरीदने के लिए पांच से छह लाख रुपये का डाउनपेमेंट चुकाना होगा। फ्लैट विवेक वाले अपने सपनों का घर बनाने के लिए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है।


इसके अलावा, Stamp Duty, Registration Charges, और ब्रोकरेज आदि के लिए भी धन की आवश्यकता होगी। विवेक को शुरुआत में कुल दस लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे। क्योंकि 35 लाख रुपये का घर बाकी खर्चों को मिलाकर 38 से 40 लाख रुपये का होगा। 10 लाख रुपये खर्च करने के बाद बाकी 30 लाख रुपये के लिए विवके को बैंक से धन मिलेगा।



Loan और EMI:

यदि व्यक्ति बैंक के क्रेडिट स्कोर (Credit Score) सहित कुछ अन्य मानकों को पूरा करता है, तो उन्हें 8 प्रतिशत की दर पर घर का लोन मिलेगा। 20 साल के लिए 30 लाख रुपये के होम लोन की EMI अब 8 फीसदी इंटरेस्ट रेट पर लगभग 25 हजार रुपये होगी। 10 लाख रुपये खर्च करने के बाद विवेक को हर महीने 25 हजार रुपये की EMI भरनी होगी।

Rent फॉर्मूला:

किराये पर रहने का सिद्धांत जानना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति जो 10,000 रुपये का फ्लैट किराया लेता है, हर महीने 15,000 रुपये बचत करेगा। फ्लैट खरीदने पर 25,000 रुपये EMI का बोझ होता है। यदि इस बचत को सही तरीके से निवेश किया जाए, तो यह करोड़ों रुपये बना सकता है। आज कई अच्छे निवेश साधन उपलब्ध हैं जो बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।

SIP प्रारंभ कर सकते हैं—
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SIP कहा जाता है कि कम मेहनत पर अधिक रिटर्न देने के लिए अच्छा है। SIP में 10-12% का रिटर्न आम है। अगर व्यक्ति 20 साल के लिए प्रति महीने 12 फीसदी रिटर्न वाली SIP में 15 हजार रुपये निवेश करता है, तो वह बैंक को ब्याज देने की बजाय 36 लाख रुपये निवेश करता है। 20 साल बाद, यह आपके लिए 1.50 करोड़ रुपये का निवेश बना देगा। यदि व्यक्ति ने 15% रिटर्न वाले SIP में पैसा लगाया, तो विवेक 20 साल बाद लगभग 2.28 करोड़ रुपये का फंड बना लेगा।

10 लाख रुपये वाले व्यक्ति का गणित:

ये EMI का रिकॉर्ड था। अब जो व्यक्ति एकमुश्त 10 लाख रुपये खर्च करने वाला था, उसका भी गणितीय ज्ञान है। लम्पसम्प स्कीम में 10 लाख रुपये निवेश करने पर आपके पास 20 साल बाद करोड़ों रुपये भी होंगे। इस निवेश को 20 साल में 12% के हिसाब से 97 लाख रुपये और 15% के हिसाब से 1.64 करोड़ रुपये होगा।

विपरीत, घर खरीदने पर आपको 20 साल में कर्ज से मुक्त होना होगा। भारत में रियल एस्टेट 5 से 6 फीसदी प्रति वर्ष बढ़ता है। यही कारण है कि विवेक को 40 लाख रुपये का घर मिल रहा है। 20 साल बाद 1.12 करोड़ रुपये मिलेंगे। प्लैट पुराना होने से वैल्यू भी कम होगी।

घर खरीदना भावनात्मक रूप से आर्थिक नहीं है—

किराये के घर में रहकर निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। आपके पास लगभग 4 करोड़ रुपये का धन हो सकता है अगर आप 20 साल तक किराये पर रहते हैं और 15% का रिटर्न कमाते हैं। 12% रिटर्न पर भी 2.5 करोड़ रुपये की जमा हो सकती है। किराये पर रहने में होशियारी से निवेश करना नए घर खरीदने की तुलना में अधिक आर्थिक लाभदायक हो सकता है। यही कारण है कि घर खरीदना एक भावनात्मक फैसला हो सकता है।

 

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