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Home Loan : 5-20-30-40 नियम से लोन देना होगा आसान, जानिए कैसे ?

Home Loan : अगर आप होम लोन लेने की सोच रहे हैं तो 5-20-30-40 नियम आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। इस नियम के अनुसार, लोन लेने और चुकाने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इसमें 5% डाउन पेमेंट, 20 साल की लोन अवधि, 30% इनकम लोन चुकाने के लिए और 40% अन्य खर्चों के लिए निर्धारित किया जाता है। इससे लोन प्लानिंग बेहतर होती है और ईएमआई भरना आसान हो जाता है। नीचे जानिए पूरी डिटेल।

 
Home Loan : 5-20-30-40 नियम से लोन देना होगा आसान, जानिए कैसे ?
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Haryana Update : आजकल हर किसी का सपना होता है कि उसका खुद का एक Ghar हो। लेकिन बढ़ती महंगाई और प्रॉपर्टी की कीमतों के कारण यह सपना पूरा करना आसान नहीं होता। ऐसे में Home Loan (Home Loan  News) लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प बन जाता है। बैंक लोगों को कम Byaaz दर (Interest on Home Loan ) पर Loan देते हैं, जिससे Ghar खरीदना या बनाना आसान हो जाता है। लेकिन कई बार लोग बिना सही प्लानिंग के Loan ले लेते हैं और बाद में उन्हें EMI भरने में दिक्कत होती है। इसी समस्या से बचने के लिए 5-20-30-40 का नियम (Home Loan  New Rule) अपनाने की सलाह दी जाती है। इस नियम के जरिए Home Loan चुकाने की योजना बेहतर बनाई जा सकती है और फाइनेंशियल मैनेजमेंट भी आसान हो जाता है।  

क्या है 5-20-30-40 का नियम?  

Home Loan लेने से पहले 5-20-30-40 नियम को समझना बहुत जरूरी है। यह नियम बजट तय करने से लेकर EMI चुकाने तक की पूरी रणनीति बताता है। इस नियम को अपनाने से न सिर्फ Loan चुकाना आसान हो जाता है, बल्कि अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी नहीं पड़ता। यह नियम चार मुख्य बातों पर ध्यान केंद्रित करता है – Loan की अधिकतम सीमा, Loan की अवधि, मासिक किस्त, और डाउन पेमेंट। अगर आप इस नियम का पालन करते हैं, तो आपको Loan चुकाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी और आप बिना किसी वित्तीय तनाव के अपना Ghar खरीद सकेंगे।  

1. सालाना आय के अनुसार लें Home Loan 

जब भी आप Home Loan लेने की सोचें, तो सबसे पहले अपनी सालाना आय (Yearly Income) का सही आकलन करें। यह नियम कहता है कि आप जितनी सालाना कमाई करते हैं, उससे अधिकतम 5 गुना तक का ही Loan लें। उदाहरण के लिए, यदि आपकी सालाना आय 10 लाख रुपये है, तो आपका Home Loan अधिकतम 50 लाख रुपये होना चाहिए। इससे Loan चुकाने में आसानी रहेगी और वित्तीय संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर आप इससे अधिक Loan लेते हैं, तो EMI का बोझ बहुत ज्यादा हो सकता है और आपका बजट बिगड़ सकता है।  

2. Loan की अवधि 20 साल से ज्यादा न रखें  

Home Loan लेते समय उसकी अवधि (Home Loan  Tenure) का भी खास ध्यान रखना चाहिए। यह नियम कहता है कि 20 साल से अधिक की अवधि का Loan नहीं लेना चाहिए। अधिक लंबी अवधि का Loan लेने पर Byaaz की राशि बहुत ज्यादा हो जाती है और कुल भुगतान काफी बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आप 25 या 30 साल के लिए Loan लेते हैं, तो भले ही आपकी EMI कम हो, लेकिन आपको कुल मिलाकर बैंक को बहुत ज्यादा Byaaz देना पड़ेगा। कम समय में Loan चुकाने से Byaaz की राशि कम देनी पड़ेगी और कुल भुगतान कम होगा। इसलिए कोशिश करें कि Loan की अवधि 20 साल या उससे कम हो।  

3. EMI मासिक आय का 30% से ज्यादा न हो  

Home Loan लेते समय सबसे महत्वपूर्ण बात होती है मासिक किस्त (EMI) की प्लानिंग। यह नियम कहता है कि आपकी EMI आपकी मासिक आय (Monthly Income) के 30% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आपकी मासिक आय 1 लाख रुपये है, तो आपकी EMI 30,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर आपकी EMI इससे ज्यादा होगी, तो आपकी अन्य जरूरतें और बचत प्रभावित हो सकती हैं। EMI का बोझ ज्यादा होने से आपकी आर्थिक स्थिति पर दबाव पड़ सकता है और आपको अन्य खर्चों के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपकी EMI आपकी मासिक आय का 30% से अधिक न हो।  

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4. 40% डाउन पेमेंट करें  

जब भी आप Ghar खरीदने या बनाने के लिए Home Loan लें, तो कोशिश करें कि अधिक से अधिक डाउन पेमेंट (Down Payment for Home Loan ) करें। इस नियम के अनुसार, आपको Ghar की कुल कीमत का कम से कम 40% डाउन पेमेंट के रूप में देना चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर आप 50 लाख रुपये का Ghar खरीद रहे हैं, तो आपको कम से कम 20 लाख रुपये डाउन पेमेंट करना चाहिए। इससे Loan की राशि कम होगी और Byaaz का बोझ भी हल्का पड़ेगा। अगर आप कम डाउन पेमेंट करते हैं, तो आपको ज्यादा Loan लेना पड़ेगा, जिससे EMI भी बढ़ जाएगी और Byaaz भी अधिक देना पड़ेगा।  

Home Loan लेते समय यह नियम क्यों जरूरी है?  

Loan चुकाने में आसानी – इस नियम को अपनाने से Loan समय पर चुकाने में दिक्कत नहीं होगी और आप वित्तीय संकट से बच सकते हैं।  
Byaaz पर बचत – छोटी अवधि के Loan से Byaaz पर भारी बचत होगी और आप ज्यादा पैसे बचा पाएंगे।  
वित्तीय स्थिरता बनी रहेगी – EMI और अन्य खर्चों के बीच संतुलन बना रहेगा और आपकी बचत भी प्रभावित नहीं होगी।  
भविष्य की सुरक्षा – डाउन पेमेंट ज्यादा देने से Byaaz का बोझ कम होगा और आपकी वित्तीय स्थिति मजबूत बनी रहेगी।