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Haryana: पहली क्लास में एडमिशन की उम्र बढ़ी, अब कितने साल के बच्चे होंगे योग्य?

Haryana: हरियाणा स्कूल में पहली क्लास में एडमिशन के लिए उम्र की सीमा बढ़ा दी गई है। अब पहली क्लास में एडमिशन लेने के लिए बच्चों की न्यूनतम उम्र 6 साल निर्धारित की गई है। पहले यह उम्र 5 साल थी, लेकिन अब बच्चों को पहली क्लास में एडमिशन लेने के लिए थोड़ा अधिक बड़ा होना जरूरी होगा। इस बदलाव से बच्चों की शिक्षा की शुरुआत में सुधार की उम्मीद है।
 
 
Haryana: पहली क्लास में एडमिशन की उम्र बढ़ी, अब कितने साल के बच्चे होंगे योग्य?
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Haryana update : हरियाणा सरकार ने स्कूलों में बच्चों के एडमिशन को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पहली क्लास में दाखिले के लिए बच्चों की उम्र कम से कम 6 साल होनी चाहिए। पहले यह सीमा 5 साल थी, जिसे शैक्षिक सत्र 2024-25 में बढ़ाकर 5.5 साल किया गया था, लेकिन अब एक बार फिर से सरकार ने इसे बढ़ाकर 6 साल कर दिया है। इस नए नियम को शैक्षिक सत्र 2025-26 से लागू किया जाएगा।

आदेश जारी, अब 6 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं मिलेगा एडमिशन

हरियाणा के स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इसके अनुसार, पहली क्लास में सिर्फ उन्हीं बच्चों का एडमिशन होगा जिनकी उम्र 1 अप्रैल 2025 तक 6 साल पूरी हो जाएगी। हालांकि, जिन बच्चों की उम्र 6 साल से कुछ महीने कम होगी, उन्हें राइट टू एजुकेशन एक्ट (RTE) 2009 के तहत 6 महीने की छूट दी जाएगी।

पहले 5 साल के बच्चे भी जाते थे स्कूल

पिछले कुछ वर्षों तक हरियाणा में 5 साल की उम्र में ही बच्चों को पहली क्लास में दाखिला मिल जाता था, लेकिन सरकार ने पिछले साल इसे बढ़ाकर 5.5 साल किया था। अब एक बार फिर से सरकार ने इसे 6 साल कर दिया है। इसका मतलब यह है कि यदि आपका बच्चा 6 साल का नहीं हुआ है, तो उसे पहली क्लास में एडमिशन नहीं मिलेगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत बदलाव

यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जरूरी है कि वे पहले पर्याप्त नर्सरी और प्री-प्राइमरी क्लासेस करें ताकि उनकी बेसिक शिक्षा मजबूत हो। इसका उद्देश्य बच्चों के Cognitive Development (सोचने-समझने की क्षमता) को बढ़ाना है।

मम्मी-पापा को अब करना होगा इंतजार

पहले वे पेरेंट्स, जो अपने 5 साल के बच्चों को पहली क्लास में डालने का सोचते थे, अब उन्हें थोड़ा इंतजार करना होगा। पहले 5 साल के बच्चे आसानी से स्कूल की वर्दी पहनकर बैग लेकर स्कूल जाते थे, लेकिन अब 6 साल से पहले उनका यह सपना पूरा नहीं होगा। स्कूल शिक्षा विभाग के मुताबिक, बच्चों के सही मानसिक विकास के लिए यह कदम उठाया गया है।

इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक मजबूत शैक्षिक नींव देना है। अब पेरेंट्स को अपने बच्चों को प्री-प्राइमरी और नर्सरी क्लासेज में समय देने के बाद ही पहली क्लास में भेजने का मौका मिलेगा, ताकि उनकी पढ़ाई की शुरुआत सही तरीके से हो सके।