हरियाणा में सैनी सरकार का तगड़ा एक्शन, इन अफसरों की छुट्टी तय!

मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने राज्य के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी बैठक का एजेंडा समय पर जारी करें और बैठक में लिए गए निर्णय की रिपोर्ट निर्धारित समय सीमा में प्रस्तुत करें। अगर अधिकारी बैठक में लिए गए निर्णयों को लागू करने में देरी करेंगे, तो उनके खिलाफ सख्ती बरती जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के लिए आदेश दिए हैं कि एजेंडा और विस्तृत रिपोर्ट अब ईमेल के माध्यम से भेजी जाए, ताकि फील्ड में तैनात अधिकारियों को समय पर जरूरी कदम उठाने का मौका मिल सके।
सख्ती क्यों बढ़ी?
हरियाणा के कई विभागों के प्रमुख अधिकारियों की लापरवाही के कारण योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हो रहा था। बैठकों में लिए गए निर्णयों का समय पर जारी न होना और उनका कागजों तक सीमित रहना समस्या का कारण बन रहा था। मुख्यमंत्री ने पाया कि कई अधिकारी न तो समय पर बैठक का एजेंडा तैयार करते थे और न ही निर्णयों की रिपोर्ट तीन कार्य दिवस में प्रस्तुत करते थे, जिससे योजनाएं सही तरीके से लागू नहीं हो पा रही थीं।
मुख्य सचिव के आदेश
मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रशासनिक सचिवों को आदेश दिया है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली किसी भी बैठक का एजेंडा और बैठक में लिए गए फैसलों की कार्यवाही रिपोर्ट समय पर भेजी जाए। इसके लिए एक विशेष ईमेल आईडी जारी की गई है, जिसमें सभी जरूरी दस्तावेज़ और ब्यौरा साझा करना अनिवार्य कर दिया गया है।
अधिकारियों तक पहुंचेगी सही जानकारी
अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे बैठकों के निर्णयों की रिपोर्ट समय से जारी करें ताकि फील्ड में तैनात अधिकारी योजनाओं को समय पर लागू कर सकें। सरकार का मानना है कि सही समय पर जानकारी न मिलने के कारण योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावी नहीं हो पाता।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई
सरकार ने यह भी पाया कि मंत्रियों के जिलों में दौरों के दौरान कई बार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जनसुनवाई में हाज़िर नहीं रहते थे। इसे गंभीरता से लेते हुए सरकार ने ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं।
मुख्यमंत्री का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से आगाह किया है कि अगर वे अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लेंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का यह कदम उन अधिकारियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है जो अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतते हैं।