Haryana Govt Update: कच्चे कर्मचारी अब होंगे रेगुलर, 6 महीने में खुशियों की सौगात

इसके अलावा, यदि कोई कर्मचारी पहले ही सेवानिवृत्त हो चुका है, तो उसकी पेंशन और अन्य वित्तीय लाभों को पुनर्निधारित किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी बताया कि 2014 में नियुक्त कर्मचारियों को अब तक पूर्व की किसी भी नीति के तहत कोई लाभ नहीं मिलेगा और उनके मामले को 2024 में लागू नए अधिनियम के तहत ही विचार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2014 की अधिसूचना की वैधता पर अंतिम निर्णय आने के बाद ही ऐसे कर्मचारियों के दावों पर पुनर्विचार संभव होगा।
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जज जगमोहन बंसल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सरकार ने 2007 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए 2011 की नीति लागू की थी, लेकिन 2014 की अधिसूचना बिना ठोस आधार के जारी कर दी गई। इसके चलते सभी याचिकाएं निपटा दी गई हैं और सरकार को यह निर्देश दिया गया है कि वह पात्र कर्मचारियों की नियमितीकरण प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करे।
इसके साथ ही कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि केवल उन्हीं कर्मचारियों को नियमित किया जाए जिनकी नियुक्ति उचित प्रक्रिया के तहत हुई थी और जो पिछले नीतियों के तहत पात्र हैं। इस फैसले में जिला स्तर पर लगातार दायर 151 याचिकाओं का भी निपटारा कर दिया गया है। अब सरकार की जिम्मेदारी है कि वह संबंधित विभागों, नगर निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों की स्थिति की समीक्षा करके उनके अधिकारों का संपूर्ण ध्यान रखें, जिससे किसी कर्मचारी को उसकी मेहनत का हक बिना कारण न छीन लिया जाए।