Haryana News: हरियाणा की बेटी सुलेखा ने रचा इतिहास,राष्ट्रपति ने भी थपथपाई पीठ

Haryana News: हरियाणा के भिवानी जिले के ढाबढाणी गांव की मेधावी बेटी सुलेखा कटारिया ने आज पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय बन गया है उसने जो कुछ किया है।
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने विजन 2047 विकसित भारत कला प्रदर्शनी में सुलेखा की कलाकृति ने देश भर के हजारों कलाकारों को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष 15 महिला कलाकारों में जगह बनाई।
द्रौपदी मुर्मू, महामहीम राष्ट्रपति, ने सुलेखा की कलाकृति की बहुत प्रशंसा करते हुए खुद सुलेखा की पीठ थपथपाई। राष्ट्रपति भवन के गलियारों में गूंजते हुए हर हरियाणवी ने एक गांव की लड़की के सपने को सुनकर गर्व से सीना चौड़ा कर दिया।
सुलेखा के पिता रोहतास कटारिया, जो ढाबढाणी गांव की मिट्टी में पैदा हुआ था, एक मजदूर हैं। मां सुमन लता ने बेटी के हुनर को टोक विश्वविद्यालय और कॉलेज में खुलने दिया। सुलेखा ने जब पहली बार कागज पर रेखाएं खींची तो किसे पता था कि यही रेखाएं एक दिन राष्ट्रपति के दिल को छू लेंगी। उनकी कूची ने देश के सिर पर मान सम्मान की ऐसी पगड़ी बांधी कि देश की सबसे बड़ी महिला ने उन्हे भारत की महिला समाज की बदलती तस्वीर के तौर पर उद्घोषित किया ।
जिस गांव के बच्चे कभी कलम-कूची को शौक समझते थे, आज सुलेखा ने उन्हें जुनून का मतलब सिखा दिया ।
सुलेखा के संघर्ष की सबसे बड़ी कामयाबी है परिवार के सदस्यों की आँखों में आंसू, दोस्तों की मुस्कान और सुलेखा पढ़ने वाले विद्यार्थियों के सपनों में नई उड़ान। रोहताश कटारिया, उनके पिता, कहते हैं कि उनकी बेटी ने दिखाया कि गरीबी कला का दुश्मन नहीं है।
आज भी मेरे हाथ की छालें इस सफलता पर गर्व से सराबोर हैं। वही लेख ने कहा कि हर बेटी बेमिसाल है और हर एक में एक अलग प्रतिभा और हुनर छिपा हुआ है। थोड़ा विश्वास और मौका मिलने पर बेटी राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम चमका सकती है।