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Haryana: हरियाणा के इन कब्जाधारकों की हुई मौज, अब आसानी से बन सकेंगे जमीन के मालिक!

Haryana: हरियाणा में कब्जाधारकों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। अब उन्हें अपनी ज़मीन के मालिक बनने में आसानी होगी। राज्य सरकार ने एक नई योजना शुरू की है, जिसके तहत कब्जाधारकों को कानूनी रूप से ज़मीन पर मालिकाना हक दिया जाएगा। इससे लाखों लोगों को अपनी ज़मीन की सुरक्षा और अधिकार मिलेगा, और वे अपनी संपत्ति पर कब्जा जमा सकेंगे। यह कदम राज्य में भूमि संबंधित विवादों को सुलझाने में मददगार साबित होगा।
 
 
Haryana: हरियाणा के इन कब्जाधारकों की हुई मौज, अब आसानी से बन सकेंगे जमीन के मालिक!
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Haryana update :  हरियाणा में कुछ खास खबर आई है जो कब्जाधारकों के लिए खुशियां लेकर आई है। उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने बताया कि राज्य सरकार ने ग्रामीण इलाकों में शामलात की जमीन पर 500 वर्गगज तक के मकान बनाने वाले नागरिकों के घरों को एक महत्वपूर्ण योजना के तहत नियमित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत, जिन नागरिकों ने पिछले 20 वर्षों से इन मकानों में रहकर उन्हें बसाया है, उनके घरों को निर्धारित कलेक्टर रेट पर नियमित किया जाएगा, बशर्ते यह मकान सड़क या तालाब की जमीन पर न बने हों। ऐसे नागरिकों की जानकारी ग्राम सचिवों के माध्यम से संबंधित विकास एवं पंचायत अधिकारियों को दी जाएगी।

धीरेंद्र खडग़टा स्थानीय लघु सचिवालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंस हॉल में समाधान शिविर के दौरान नागरिकों की शिकायतों की सुनवाई कर रहे थे। इस शिविर में नगर निगम के संयुक्त आयुक्त अभिनव सिवाच, उपमंडलाधीश आशीष कुमार भी मौजूद थे।

समाधान शिविर में लंबित शिकायतों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से इन शिकायतों पर पूरी जानकारी ली और उन्हें शीघ्र निपटारे के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी अधिकारी विभाग से जुड़ी लंबित शिकायतों की स्थिति की निरंतर निगरानी रखें।

उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि समाधान शिविर के माध्यम से सभी शिकायतों का सही तरीके से निपटारा किया जाए, ताकि वही शिकायतें फिर से न उठें।

इसके अलावा, उन्होंने बताया कि समाधान शिविर का आयोजन रोजाना सुबह 10 से 12 बजे तक स्थानीय लघु सचिवालय के वीडियो कॉन्फ्रेंस कक्ष 103 में किया जा रहा है। यहां सभी विभागों से संबंधित शिकायतों का निपटारा एक ही स्थान पर किया जा रहा है।

समाधान शिविर में कुल 17 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से चार का मौके पर निपटारा किया गया, जबकि बाकी शिकायतों के समाधान के लिए अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिए गए।