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New Flyover: हरियाणा के इस जिले को मिलेगी बड़ी सौगात, बन रहा है 4 किमी फ्लाईओवर

New Flyover: हरियाणा के करनाल जिले में ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने के लिए 4 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर बनाया जाएगा। इस परियोजना पर 122 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे 18 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है। फ्लाईओवर बनने से शहर में यातायात सुगम होगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। निर्माण कार्य दो चरणों में पूरा किया जाएगा। नीचे जानें पूरी डिटेल।
 
 
New Flyover: हरियाणा के इस जिले को मिलेगी बड़ी सौगात, बन रहा है 4 किमी फ्लाईओवर
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Haryana update, New Flyover: हरियाणा के करनाल में एक नया फ्लाईओवर बनाया जा रहा है, जिसकी लंबाई कुल 4 किलोमीटर होगी। इस फ्लाईओवर का निर्माण 122 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा। इसकी योजना का मुख्य उद्देश्य शहर के केंद्र में मौजूद ट्रैफिक समस्या को दूर करना है, ताकि भीड़-भाड़, ट्रैफिक जाम और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। इस नवाचार से न केवल यात्रियों को बेहतर आवागमन मिलेगी, बल्कि सड़क सुरक्षा में भी सुधार होगा।

फ्लाईओवर का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में लगभग 3 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर तैयार किया जाएगा। यह परियोजना राजकीय पुस्तकालय से शुरू होकर भगवान वाल्मीकि चौक, पुरानी सब्जी मंडी, मुगल कैनाल और हरियाणा नर्सिंग होम तक फैलेगी। इस भाग का निर्माण होने से शहर के प्रमुख इलाकों में यातायात में राहत मिलेगी और स्थानीय लोगों के दैनिक जीवन में सुधार आएगा।

दूसरे चरण में इस फ्लाईओवर की लंबाई में 1 किलोमीटर का इजाफा किया जाएगा। इस हिस्से में निर्माण वाल्मीकि चौक से शुरू होकर ओल्ड जीटी रोड (जो पुराना बस स्टैंड है), कर्ण पार्क, और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर चौक तक किया जाएगा। साथ ही, भगवान वाल्मीकि चौक के निकट एक टी-प्वाइंट भी स्थापित किया जाएगा, जिससे सड़क उपयोगकर्ताओं को विश्राम का उचित स्थान मिल सकेगा।

हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HUDA) के एसई धर्मवीर ने बताया कि इस परियोजना की शुरुआत एक सप्ताह के भीतर ही शुरू हो जाएगी। फ्लाईओवर का निर्माण योजना पूरे करनाल शहर में ट्रैफिक के सुचारू प्रवाह और यातायात में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे स्थानीय निवासियों और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी, साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। यह परियोजना करनाल के विकास में एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत देती है, जिससे शहर की समग्र परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा और लोगों को सुरक्षित एवं सुविधाजनक आवागमन सुनिश्चित किया जा सकेगा।