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Gratuity Calculation: CTC में कैसे शामिल होती है ग्रेच्युटी, जानिए डिटेल में

Gratuity Calculation: जब किसी कर्मचारी को नौकरी मिलती है तो उसकी CTC में ग्रेच्युटी शामिल होती है, लेकिन इसकी कैलकुलेशन को समझना थोड़ा कठिन होता है। आज हम आपको बताएंगे कि ग्रेच्युटी की गणना कैसे होती है और इससे कितना फायदा मिल सकता है। नीचे पढ़ें पूरी डिटेल।
 
Gratuity Calculation: CTC में कैसे शामिल होती है ग्रेच्युटी, जानिए डिटेल में
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Haryana update, Gratuity Calculation: जब किसी कर्मचारी को नौकरी का ऑफर मिलता है, तो उसे CTC (Cost to Company) में उसकी सभी भत्तों और योगदान का विवरण दिया जाता है। इसमें कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और ग्रेच्युटी का भी योगदान शामिल होता है। जहां EPF की कैलकुलेशन तो काफी सरल होती है, वहीं ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन थोड़ी जटिल हो सकती है। इसलिए इस लेख में हम ग्रेच्युटी के बारे में पूरी जानकारी देंगे और यह बताएंगे कि इसकी सही गणना कैसे की जाती है।

ग्रेच्युटी क्या है?

ग्रेच्युटी वह राशि है जो किसी कर्मचारी को उसके नौकरी छोड़ने के समय दी जाती है, बशर्ते उसने कम से कम पांच साल तक अपनी सेवाएं दी हों। यह भुगतान भारत सरकार द्वारा बनाए गए ग्रेच्युटी अधिनियम 1972 के तहत होता है। इस राशि का उद्देश्य कर्मचारी को उसकी लंबी सेवा के बाद एक प्रकार से भत्ता देना होता है।

ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन कैसे होती है?

ग्रेच्युटी की गणना कर्मचारी की अंतिम मिलने वाली बेसिक सैलरी के आधार पर की जाती है। इसका फॉर्मूला कुछ इस प्रकार होता है:

अंतिम मंथली बेसिक सैलरी × 15/26 × कार्यकाल के साल

यहां पर 15 दिनों की सैलरी का गुणा किया जाता है और इसे 26 दिनों से भाग दिया जाता है, क्योंकि एक महीने में औसतन 26 कामकाजी दिन होते हैं।

उदाहरण:

मान लीजिए कि किसी कर्मचारी की सालाना बेसिक सैलरी ₹6,00,000 है। अब हम इसे मंथली बेसिक सैलरी में बदलेंगे:

मंथली बेसिक सैलरी = ₹6,00,000 ÷ 12 = ₹50,000

अब अगर कर्मचारी ने 10 साल की सेवा दी है, तो उसकी ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का तरीका होगा:

ग्रेच्युटी = ₹50,000 × (15/26) × 10

इससे हमें मिलेगा:

ग्रेच्युटी = ₹28,846 × 10 = ₹2,88,460

इस तरह, 10 साल की सेवा के बाद कर्मचारी को ₹2,88,460 की ग्रेच्युटी मिलेगी।

ऑफर लेटर में ग्रेच्युटी का उल्लेख

आमतौर पर कंपनियां ऑफर लेटर में ग्रेच्युटी को सालाना बेसिक सैलरी का 4.81% मानकर दर्शाती हैं। उदाहरण के लिए:

ग्रेच्युटी = 4.81% × ₹6,00,000 = ₹28,860 सालाना।

यह आंकड़ा एक अनुमानित राशि होता है, जो कर्मचारियों को CTC में ग्रेच्युटी के रूप में दिखाया जाता है।

सैलरी बढ़ने पर ग्रेच्युटी का क्या होता है?

चूंकि ग्रेच्युटी का हिसाब कर्मचारी की अंतिम बेसिक सैलरी पर आधारित होता है, अगर कर्मचारी की सैलरी में कोई वृद्धि होती है, तो उसकी ग्रेच्युटी की राशि भी उसी के हिसाब से बढ़ जाएगी। यह आमतौर पर सैलरी अप्रीजल के दौरान होता है, जब कर्मचारी की सैलरी बढ़ाई जाती है।

ग्रेच्युटी का महत्व

ग्रेच्युटी नौकरी छोड़ने के बाद मिलने वाली एक महत्वपूर्ण राशि है। यह CTC का हिस्सा होता है, लेकिन यह हर महीने सैलरी में नहीं मिलता। इसके बजाय, यह कर्मचारी के सेवा अवधि के आधार पर नौकरी खत्म होने पर दिया जाता है। इसके लिए कुछ शर्तें भी होती हैं, जिन्हें पूरा करने के बाद ही यह राशि दी जाती है।

इस तरह से ग्रेच्युटी एक कर्मचारी के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सुरक्षा होती है, जिसे उसकी सेवा के अंत में दिया जाता है।