चार पहिया वाहन रखने वालों को बीपीएल सूची से बाहर करेगा सरकार, जानिए इसके बाद क्या होगा!
सरकार बीपीएल सूची से उन लोगों को हटाने की योजना बना रही है, जिनके पास चार पहिया वाहन हैं। यह फैसला गरीबी रेखा से नीचे (BPL) रहने वालों की सही पहचान सुनिश्चित करने के लिए लिया जा रहा है। बीपीएल सूची से बाहर होने के बाद लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा, जिसमें राशन, पेंशन और अन्य वित्तीय सहायता शामिल है। जानिए इस नए नियम से जुड़ी पूरी जानकारी।

क्या बदलाव हो रहे हैं?
पोर्टल पर अब यह दर्शाया जाएगा कि किस परिवार के पास कौन सा वाहन है और अगर उस परिवार के पास चार पहिया वाहन जैसे कार या अन्य चार पहिया वाहन हैं, तो उसे बीपीएल सूची से बाहर कर दिया जाएगा। इसी तरह, यदि किसी किसान के पास ट्रैक्टर है और उसने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण भी करवा लिया है, तो उस परिवार का नाम भी बीपीएल सूची से हटा दिया जाएगा।
इस छंटनी प्रक्रिया के तहत अब किसी भी चार पहिया वाहन वाले परिवार का नाम बीपीएल सूची से काटा जा रहा है। इससे पहले बीपीएल सूची में शामिल ITR भरने वाले परिवारों के नाम भी हटा दिए गए थे।
पोर्तल अपडेट से जुड़ी प्रक्रिया
मानव सूचना एवं संसाधन विभाग के सरल सेवाओं से जुड़े पोर्टल को 25 और 26 जनवरी को दो दिन के लिए अपडेट किया गया था। इस दौरान पोर्टल पर किसी भी प्रकार का आवेदन स्वीकार नहीं किया गया। इसी दौरान बीपीएल सूची की छंटनी भी शुरू हुई, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी परिवार के पास अगर चार पहिया वाहन पंजीकृत हो, तो उनका नाम सूची से हटा दिया जाए।
कॉमन सर्विस सेंटरों पर भ्रष्टाचार
हालांकि, कॉमन सर्विस सेंटरों पर कुछ लोग पैसे लेकर परिवारों की आमदनी कम दिखाने का खेल भी कर रहे हैं। इस तरह से कुछ लोग बीपीएल सूची में अपनी जगह बनाए रखने के लिए 2-3 हजार रुपये की राशि देकर अपनी आमदनी कम करवा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस तरह की सेवाओं का प्रचार किया जा रहा है।
संशोधन और नई शर्तें
बीपीएल परिवारों की छंटनी के साथ नई शर्तें लागू की गई हैं, जिनके तहत अब चार पहिया वाहन वाले परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर किया जा रहा है। इससे पहले फसल पंजीकरण या एटीआर (Annual Turnover Report) दर्ज करने पर भी बीपीएल सूची से नाम काटे जाते थे, अब चार पहिया वाहन रखने वाले परिवार को इसी तरह बाहर किया जा रहा है।
यह बदलाव राज्य सरकार द्वारा पोर्टल में सुधार और नकली बीपीएल परिवारों की पहचान के लिए किया गया है, ताकि केवल असली जरूरतमंद परिवारों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।