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बीयर के शौकीनों के लिए खुशखबरी, दामों में 75% की बड़ी कमी, स्कॉच भी हुई सस्ती!

Beer Price : शराबियों के लिए एक खुशी की खबर सामने आई हैं। बता दें कि गर्मियों में अब भारत में ब्रिटिश बीयर ब्रांड पहले से काफी सस्ती दर पर उपलब्ध होंगे। दरअसल, भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के ...

 
बीयर के दामों में 75% की बड़ी कमी, स्कॉच भी हुई सस्ती!
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Beer Price : शराबियों के लिए एक खुशी की खबर सामने आई हैं। बता दें कि गर्मियों में अब भारत में ब्रिटिश बीयर ब्रांड पहले से काफी सस्ती दर पर उपलब्ध होंगे। दरअसल, भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के बाद ब्रिटिश बीयर पर टैक्स 75 फीसदी तक कम कर दिया गया है।

इससे बीयर के शौकीनों को ब्रिटिश बीयर पर 75 फीसदी तक सस्ती कीमतों का फायदा मिलेगा। साथ ही ब्रिटिश स्कॉच व्हिस्की पर भी टैक्स कम कर दिया गया है, जिससे यह भी सस्ती हो जाएगी।

FTA समझौते के तहत टैक्स को घटाकर 75 प्रतिशत किया
अभी तक भारत में ब्रिटिश बीयर पर 150 प्रतिशत तक टैक्स लगता था, लेकिन अब FTA समझौते के तहत इस टैक्स को घटाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है। इस टैक्स कटौती का सीधा फायदा बीयर प्रेमियों को होगा, क्योंकि अब ब्रिटिश बीयर पहले के मुकाबले काफी सस्ती हो जाएगी। इस समझौते से न सिर्फ बीयर प्रेमियों को फायदा होगा, बल्कि अन्य ब्रिटिश उत्पादों पर भी टैक्स कम हो जाएगा।

FTA में और क्या हुआ बदलाव ?
भारत और ब्रिटेन के बीच यह मुक्त व्यापार समझौता 6 मई को पूरा हुआ। इस समझौते के तहत भारत ने ब्रिटिश वाइन पर किसी भी तरह की शुल्क रियायत नहीं दी है, जबकि बीयर पर सीमित आयात शुल्क लाभ प्रदान किए गए हैं। वहीं, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि इस समझौते में वाइन को बहिष्कृत सूची में रखा गया है। इसका मतलब यह है कि ब्रिटेन से वाइन के आयात पर शुल्क में कोई कमी नहीं होगी।

ब्रिटेन की स्कॉच व्हिस्की पर टैक्स घटकर 75 प्रतिशत रह जाएगा
एफटीए समझौते से न सिर्फ़ ब्रिटेन की बीयर सस्ती होगी, बल्कि कुछ दूसरे उत्पाद भी सस्ते हो जाएंगे। इनमें ब्रिटेन की स्कॉच व्हिस्की, कार और कुछ दूसरे उत्पाद शामिल हैं। भारत में ब्रिटेन की स्कॉच व्हिस्की पर टैक्स 150 प्रतिशत से घटकर 75 प्रतिशत रह जाएगा। समझौते के 10वें साल तक इसे और घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया जाएगा। इसके अलावा ब्रिटेन भारत से आने वाले गारमेंट्स, लेदर गुड्स जैसे उत्पादों पर भी आयात शुल्क घटाएगा।

ब्रिटेन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है वाइन पर शुल्क रियायत न देना?
एफटीए में वाइन पर कोई शुल्क रियायत नहीं देने का कारण यह है कि यूरोपीय संघ इस क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है। अगर ब्रिटेन को वाइन पर आयात शुल्क में रियायत दी जाती, तो यूरोपीय संघ की ओर से अपनी वाइन पर भी शुल्क कटौती के लिए दबाव बढ़ सकता था। इसलिए, ब्रिटेन ने यह निर्णय लिया कि वाइन पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी।

भारत के कुछ कृषि उत्पादों पर कोई रियायत नहीं
एफटीए समझौते के तहत भारत ने कुछ कृषि उत्पादों जैसे डेयरी उत्पाद, सेब, पनीर, जई, पशु और वनस्पति तेल पर कोई आयात शुल्क में कमी नहीं की है। एक अधिकारी ने बताया कि इन उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती नहीं होगी, क्योंकि ये संवेदनशील कृषि उत्पाद हैं। साथ ही, व्यापार समझौते में इन उत्पादों को छूट दी गई है।