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Gold Hallmarking: सिर्फ 916 देखकर न खरीदें सोना, इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान

Gold Hallmarking: अगर आप सोना खरीदने जा रहे हैं तो सिर्फ 916 देखकर मत खरीदिए! सरकार ने नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत अब हॉलमार्किंग के कुछ खास मानक अनिवार्य कर दिए गए हैं। सोना खरीदते समय इन 5 जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, वरना आपको नुकसान हो सकता है। जानिए नए नियम और कैसे करें असली सोने की पहचान। पूरी जानकारी नीचे देखें।
 
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Haryana update, Gold Hallmarking: जब आप gold खरीदते हैं, तो केवल 916 hollmark देखकर संतुष्ट हो जाना पर्याप्त नहीं है। शुद्धता और सही कीमत सुनिश्चित करने के लिए आपको कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए:

1. 916 hollmark की समझ  Gold Hallmarking

916 hollmark क्या है:
916 hollmark का मतलब है कि ज्वैलरी 22 कैरेट सोने से बनी है, जिसका प्रतिशत 22/24 यानी 91.6% है।
पूरे hollmark की जांच:
केवल 916 देखने से काम नहीं चलेगा। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि ज्वैलरी पर BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) का लोगो भी मौजूद है, साथ ही 916, 750 (18K) या 585 (14K) जैसे कैरेट मार्क भी स्पष्ट रूप से लिखे हों।

2. ज्वैलर का पहचान नंबर  Gold Hallmarking

ज्वैलर द्वारा प्रदत्त पहचान नंबर (यूनीक कोड) की जांच करना भी ज़रूरी है, जिससे आपको पता चले कि gold कहाँ से खरीदा गया है और इसकी गुणवत्ता प्रमाणित है।

3. मेकिंग चार्ज की जानकारी  Gold Hallmarking

मेकिंग चार्ज का पता करें:
gold खरीदते समय सिर्फ सोने के शुद्धता के अलावा मेकिंग चार्ज पर भी ध्यान दें।
मेकिंग चार्ज की तुलना करें:
अलग-अलग दुकानों में मेकिंग चार्ज्स की तुलना करें। ये चार्जेस 8% से 30% तक हो सकते हैं, और यह फिक्स्ड राशि हो सकती है या प्रतिशत के हिसाब से जुड़ सकते हैं।
स्पष्टता की मांग करें:
ज्वैलर से पूछें कि मेकिंग चार्ज फिक्स है या उससे जुड़ा प्रतिशत है, ताकि आपको बाद में कोई अनावश्यक खर्च न करना पड़े।

4. खरीददारी का बिल जरूर लें  Gold Hallmarking

बिल में पूरी जानकारी हो:
gold खरीदते समय हमेशा बिल लें, जिसमें सोने का वजन, शुद्धता (जैसे 22K, 18K, 14K) और hollmark नंबर स्पष्ट रूप से लिखा हो।
शिकायत का आधार:
बिल होने से भविष्य में यदि कोई कमी या त्रुटि पाई जाए तो आप तुरंत शिकायत कर सकते हैं और उचित समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

5. गोल्ड एक्सचेंज पॉलिसी के बारे में पूछताछ करें  Gold Hallmarking

वापसी की प्रक्रिया जान लें:
gold खरीदते समय यह पूछ लें कि यदि आपको gold वापस बेचना पड़े तो क्या एक्सचेंज या रिटर्न पॉलिसी उपलब्ध है।
मेकिंग चार्ज की वापसी:
यह सुनिश्चित कर लें कि क्या आपको वापस बेचते समय मेकिंग चार्ज वापस मिलेंगे या केवल सोने का मूल्य ही निर्धारित किया जाएगा।
स्टोन-स्टडेड ज्वैलरी:
यदि आप जड़ाऊ ज्वैलरी खरीद रहे हैं, तो स्टोन के वजन और गुणवत्ता की जांच जरूर कर लें और यह भी जान लें कि स्टोन को हटाने के बाद सोने का मूल्य कैसे तय किया जाएगा।
इन सभी बातों का ध्यान रखकर ही आप gold खरीदें। इससे न केवल आपको शुद्ध gold मिलेगा, बल्कि आप सही कीमत पर खरीदारी भी कर पाएंगे और भविष्य में किसी भी विवाद या समस्या से बच सकेंगे।