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पत्नी के नाम पर FD कराएं, टैक्स बचाएं और पाएं मोटी कमाई – जानें कैसे!

अगर आप टैक्स बचाना चाहते हैं और साथ ही मोटी कमाई भी पाना चाहते हैं, तो पत्नी के नाम पर FD खोलने का यह तरीका आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इस योजना के तहत, आप अपनी पत्नी के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) खुलवाकर टैक्स बचा सकते हैं, क्योंकि FD पर मिलने वाला ब्याज पति और पत्नी के नाम पर अलग-अलग टैक्सेबल होता है। साथ ही, इस FD में निवेश करने से आपको ब्याज की अच्छी कमाई भी होगी। जानें, कैसे आप इस योजना का सही तरीके से फायदा उठा सकते हैं।
 
पत्नी के नाम पर FD कराएं, टैक्स बचाएं और पाएं मोटी कमाई – जानें कैसे!
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Haryana update : म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में आम लोगों की बढ़ती दिलचस्पी के बावजूद, बैंक एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) आज भी सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक बना हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि बैंक एफडी में निवेशकों को निश्चित और गारंटीड रिटर्न मिलता है। इस वजह से, आज भी देश के एक बड़े वर्ग का मानना है कि बैंक एफडी सबसे सुरक्षित और बेहतर निवेश है। नौकरीपेशा लोग अक्सर अपनी नौकरी या व्यक्तिगत खाते पर एफडी करवाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि आप अपनी पत्नी के नाम पर एफडी करवाते हैं, तो आपको न केवल अच्छा रिटर्न मिलेगा बल्कि आप बहुत सारे पैसों की बचत भी कर सकते हैं?

टीडीएस पर बचत करने के तरीके

एफडी और टीडीएस के नियम
एफडी के नियमों के मुताबिक, यदि एक वित्त वर्ष में 40,000 रुपये से ज्यादा का ब्याज प्राप्त होता है, तो 10% टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) काटा जाता है। इसका मतलब यह है कि अगर आपकी एफडी पर आपको 40,000 रुपये से अधिक का ब्याज मिलता है, तो बैंक से आपको मिलने वाले ब्याज में से 10% टैक्स के रूप में कट जाएगा। हालांकि, अगर आप अपनी पत्नी के नाम पर एफडी करवाते हैं, तो आपको इस टीडीएस से बचने का एक तरीका मिल सकता है।

महिलाओं के लिए टैक्स लाभ
आम तौर पर, भारतीय परिवारों में महिलाएं निचले टैक्स ब्रैकेट में आती हैं या फिर गृहिणी होती हैं। यदि आपकी पत्नी गृहिणी हैं और उनकी कुल कर योग्य आय 2.5 लाख रुपये से कम है, तो उन्हें अपनी एफडी पर टीडीएस से पूरी छूट मिलती है। इसका मतलब यह है कि यदि आपकी पत्नी के नाम पर एफडी है, तो बैंक से मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स कटौती नहीं होगी, जिससे आपको टीडीएस से बचने का लाभ मिलेगा।

कुल कर योग्य आय और टैक्स
इसके अतिरिक्त, यह समझना जरूरी है कि बैंक एफडी से मिलने वाला ब्याज आपकी कुल आय में जोड़ा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी कुल सालाना आय 9 लाख रुपये है और आपको एफडी से 1.20 लाख रुपये का ब्याज मिलता है, तो आपकी कुल कर योग्य आय 10.20 लाख रुपये मानी जाएगी, और आपको टैक्स भी इस पूरे आय पर देना होगा।

ज्वाइंट एफडी पर भी मिलेगा फायदा
इसके अलावा, यदि आप ज्वाइंट एफडी करते हैं और अपनी पत्नी को एफडी का पहला होल्डर बनाते हैं, तो भी आप टैक्स बचत कर सकते हैं। ऐसे मामलों में, पत्नी के नाम पर होने वाली टैक्स छूट से आप अपनी टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं।

एफडी पर ब्याज और टैक्स के नियमों को समझना
यह ध्यान में रखते हुए, एफडी पर मिलने वाला ब्याज आपकी कुल आय में शामिल होता है और इसे आपको अपनी आय कर में जोड़कर टैक्स देना होता है। यदि आपकी कुल आय 2.5 लाख रुपये से कम है, तो आपको टीडीएस का भुगतान नहीं करना होगा। इसके अलावा, अगर आप अपनी पत्नी के नाम पर एफडी करवाते हैं, तो इससे आपको टैक्स बचाने में मदद मिल सकती है।
कुल मिलाकर, बैंक एफडी एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश विकल्प है, खासकर यदि आप इसे अपनी पत्नी के नाम पर करवाते हैं। इससे न केवल आप अच्छा रिटर्न प्राप्त करेंगे, बल्कि आपको टीडीएस के रूप में होने वाली टैक्स कटौती से भी बचत होगी। इस प्रकार, बैंक एफडी के जरिए आप अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं, साथ ही टैक्स बचाने के भी कई अवसर प्राप्त कर सकते हैं।