FD समय से पहले तोड़ने का नुकसान कितना? जानें बैंक के नियम और पेनल्टी चार्ज

लेकिन कई बार इमरजेंसी में पैसों की जरूरत पड़ने पर हमें एफडी को मैच्योरिटी से पहले ही तोड़ना पड़ता है। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि समय से पहले फिक्स्ड डिपॉजिट तुड़वाने पर आपको कितना नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही किस बैंक में कितनी पेनल्टी लगती है और ब्याज दरों में क्या बदलाव होता है, यह भी समझना जरूरी है। इस लेख में हम आपको एफडी से जुड़ी पूरी जानकारी विस्तार से देंगे।
बैंकों के अनुसार फिक्स्ड डिपॉजिट की अलग-अलग ब्याज दरें और नियम
अक्सर लोगों को यह लगता है कि हर बैंक की एफडी स्कीम एक जैसी होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। हर बैंक अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट पर अलग-अलग ब्याज दरें देता है और उसी के अनुसार, समय से पहले एफडी तोड़ने पर लगने वाली पेनल्टी भी अलग होती है। कुछ बैंकों में एफडी तोड़ने पर 1% तक का पेनल्टी चार्ज लिया जाता है, तो कुछ बैंकों में बिल्कुल भी कोई शुल्क नहीं लगता।
इसके अलावा, पेनल्टी लगाने का तरीका भी बैंक के नियमों पर निर्भर करता है। आमतौर पर बैंक 0.5% से लेकर 1% तक की पेनल्टी चार्ज करते हैं, लेकिन कुछ विशेष मामलों में यह शुल्क कम या ज्यादा भी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपकी एफडी 5 साल के लिए है और आप इसे 3 साल के बाद तोड़ते हैं, तो उस समय की ब्याज दर के अनुसार आपको भुगतान मिलेगा और साथ ही पेनल्टी भी देनी होगी।
समय से पहले एफडी तुड़वाने पर कितना चार्ज देना होगा?
हर बैंक के एफडी प्रीमैच्योर विदड्रॉल (समय से पहले निकासी) के अपने नियम होते हैं। अगर आप अपनी एफडी को 7 दिन या उससे पहले तोड़ते हैं, तो कई बैंक कोई चार्ज नहीं लगाते। लेकिन अगर आप एफडी को कुछ महीनों या वर्षों बाद तुड़वाते हैं, तो उस पर पेनल्टी चार्ज लगाया जाता है।
इसके अलावा, एफडी की मेच्योरिटी अवधि के आधार पर ब्याज दरें भी अलग-अलग होती हैं। यदि कोई एफडी को 5 साल की अवधि के लिए खोलता है और 3 साल बाद उसे तुड़वा लेता है, तो उसे 3 साल की ब्याज दर के अनुसार भुगतान किया जाएगा।
उदाहरण के लिए:
- अगर 5 साल की एफडी पर 7% ब्याज मिल रहा था, लेकिन 3 साल की एफडी पर बैंक 6.5% ब्याज दे रहा था, तो आपको 3 साल की ब्याज दर यानी 6.5% से भुगतान किया जाएगा।
- इसके अलावा, आपको 1% की पेनल्टी भी देनी होगी, यानी आपको कुल 5.5% का ब्याज मिलेगा।
ब्याज दरों में होने वाले बदलाव का असर
अगर आप अपनी एफडी को समय से पहले तुड़वाते हैं, तो आपका ब्याज दर भी प्रभावित होता है। मान लीजिए कि आपने 2 साल के लिए एफडी की थी और उस पर 6% ब्याज मिल रहा था, लेकिन 1 साल की एफडी पर बैंक 7% ब्याज दे रहा था। ऐसे में अगर आप 1 साल के बाद अपनी एफडी तुड़वाते हैं, तो भी आपको 1% पेनल्टी देनी होगी, जिससे आपका कुल ब्याज 6% हो जाएगा।
हर बैंक समय से पहले एफडी तुड़वाने के लिए अलग-अलग शर्तें रखता है, इसलिए किसी भी निवेश से पहले अपने बैंक की नीतियों को समझना जरूरी है।
समय से पहले एफडी तुड़वाने से पहले क्या करें?
अगर आपको इमरजेंसी में पैसे की जरूरत पड़ती है, तो एफडी तुड़वाने से पहले कुछ विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।
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एफडी लोन लेना:
- कई बैंक एफडी पर लोन की सुविधा देते हैं।
- एफडी तुड़वाने के बजाय आप इस पर 90% तक लोन ले सकते हैं।
- ब्याज दर एफडी की ब्याज दर से 1-2% अधिक हो सकती है।
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आंशिक निकासी (Partial Withdrawal):
- कुछ बैंकों में एफडी से कुछ राशि निकालने की सुविधा होती है, जिससे आपको पूरी एफडी तुड़वाने की जरूरत नहीं पड़ती।
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अन्य निवेश विकल्पों पर विचार करें:
- अगर आपके पास अन्य निवेश हैं, तो पहले उन्हें भुनाने पर विचार करें।
- एफडी को अंतिम विकल्प के रूप में रखें, क्योंकि समय से पहले तोड़ने पर नुकसान हो सकता है।
- हर बैंक की एफडी पर ब्याज दरें और पेनल्टी अलग-अलग होती हैं, इसलिए निवेश से पहले सही जानकारी लें।
- एफडी तोड़ने पर मिलने वाला ब्याज मेच्योरिटी के समय से कम हो सकता है, इसलिए पहले जांच लें।
- कुछ बैंकों में 7 दिन के अंदर एफडी तोड़ने पर कोई पेनल्टी नहीं लगती, लेकिन उसके बाद चार्ज लग सकता है।
- पेनल्टी आमतौर पर 0.5% से 1% तक होती है, लेकिन यह बैंक की नीति पर निर्भर करती है।
- जरूरत पड़ने पर एफडी पर लोन लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जिससे एफडी बनी रहे और जरूरत के पैसे भी मिल जाएं।
- यदि संभव हो, तो आंशिक निकासी का विकल्प चुनें, जिससे आपको पूरी एफडी तुड़वाने की जरूरत न पड़े।
इसलिए, एफडी को समय से पहले तुड़वाने से पहले हमेशा अपने बैंक की शर्तों को ध्यान से पढ़ें और बेहतर विकल्पों पर विचार करें।