FD में निवेश से पहले हो जाएं सावधान, जानें 5 जरूरी बातें जो बचाएंगी आपको नुकसान से!
FD में निवेश करने से पहले आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, बैंक की ब्याज दरों और अपने निवेश की अवधि को समझें। फिर, समय से पहले FD तोड़ने पर लगने वाली पेनल्टी से बचने के लिए पूरी जानकारी लें। इसके अलावा, टैक्स लाभ और FD के मैच्योरिटी पर मिलने वाले रिटर्न का भी ध्यान रखें। यही ध्यान रखेंगे तो आपका निवेश सुरक्षित रहेगा।

1. ब्याज पर लगता है टैक्स
एफडी में निवेश करने के बाद, आपको जो ब्याज मिलता है, वह आपके ग्रॉस इनकम का हिस्सा माना जाता है और उस पर टैक्स देना पड़ता है। यह बात कुछ निवेशकों के लिए हताशा का कारण बन सकती है क्योंकि उन्हें लगता है कि एफडी में निवेश करके मिल रहा ब्याज पूरी तरह से उनके हाथों में आ जाएगा। लेकिन वास्तविकता यह है कि आपको इस ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है। इस ब्याज की प्रोफिटेबल राशि का ब्योरा आपको अपने इनकम टैक्स रिटर्न में देना पड़ता है। इसे ग्रॉस इनकम के रूप में गिना जाता है, और टैक्स उस पर लगता है। इस बात को समझना बेहद जरूरी है क्योंकि बहुत से लोग इसकी जानकारी नहीं होने के कारण अप्रत्याशित टैक्स बोझ का सामना करते हैं।
2. टीडीएस कटने का भी है विकल्प
एफडी पर मिलने वाले ब्याज से टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) भी काटा जाता है, लेकिन अगर आपकी आय ₹2.5 लाख से कम है, तो आपको यह टीडीएस नहीं काटा जाएगा। इसके लिए आपको बैंक की शाखा में जाकर फॉर्म 15G (अथवा फॉर्म 15H) भरकर देना होता है। यदि आप इस प्रक्रिया को सही ढंग से पूरा करते हैं, तो आपको टीडीएस से राहत मिल सकती है। यह विकल्प उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है जिनकी आय कम है और जो टैक्स से बचना चाहते हैं। अगर आपने इन फॉर्म्स को सही से भरकर बैंक को दे दिया तो आपको ब्याज पर कटने वाले टीडीएस से बचने का मौका मिल सकता है। इस मामले में, सही जानकारी का होना और समय पर प्रक्रिया को पूरा करना बहुत जरूरी है।
3. म्यूचुअल फंड की अपेक्षा कम ब्याज
एफडी एक बहुत ही सुरक्षित निवेश विकल्प है, लेकिन इसमें मिलने वाले ब्याज की दर अक्सर म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) की तुलना में कम होती है। म्यूचुअल फंड्स में, खासकर इक्विटी आधारित फंड्स में, आपको एफडी के मुकाबले कहीं ज्यादा रिटर्न मिल सकते हैं, हालांकि इसके साथ जोखिम भी ज्यादा होता है। आमतौर पर एफडी पर ब्याज दर 6% से लेकर 10% तक होती है, जबकि म्यूचुअल फंड्स में रिटर्न इससे कहीं ज्यादा हो सकते हैं। म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने पर रिटर्न 3 गुना तक हो सकता है, लेकिन आपको इसके साथ जोखिम को भी समझना होगा। हालांकि, अगर आप कम जोखिम वाले निवेश की तलाश में हैं तो एफडी एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन यदि आप उच्च रिटर्न चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड्स आपके लिए बेहतर हो सकते हैं।
4. ब्याज दरें महंगाई से नहीं निपट पातीं
एफडी में मिलने वाली ब्याज दरें अक्सर महंगाई की दर से कम होती हैं, और यही कारण है कि एफडी का रिटर्न महंगाई के मुकाबले उतना प्रभावी नहीं होता। मसलन, यदि आपकी एफडी पर ब्याज दर 6-8% है, और महंगाई दर 8-10% है, तो आपका रिटर्न वास्तविक रूप में नकारात्मक हो सकता है। इसका मतलब यह है कि एफडी में आपका पैसा उतना बढ़ नहीं पाता जितना महंगाई के कारण घटता है। इसके अलावा, यदि आपको बीच में ही अपनी एफडी को नकद करवानी पड़ जाए, तो आप जो रिटर्न पाने की उम्मीद कर रहे थे, वह घट सकता है। ऐसे में, अगर आप एफडी को लंबी अवधि के लिए निवेश के रूप में रखते हैं, तो आपको अपनी कमाई पर टैक्स भी देना पड़ता है, जो फायदे को और भी कम कर देता है।
5. ब्याज दरें रहती हैं समान
एफडी में सबसे बड़ी समस्या यह है कि ब्याज दरें शुरू में ही निर्धारित कर दी जाती हैं और पूरी अवधि के लिए वही दर बनी रहती है। इसका मतलब यह है कि अगर एफडी में ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो आपको कोई लाभ नहीं मिलता। दूसरे निवेश विकल्पों में ब्याज दरें समय-समय पर बदलती रहती हैं, जिससे निवेशकों को रिटर्न का फायदा होता है। इसलिए, अगर आप एफडी में निवेश करते हैं तो आपको पहले से यह ध्यान रखना चाहिए कि ब्याज दर समान रहती है और इसके चलते रिटर्न में उतनी लचीलापन नहीं होती जितनी कि अन्य निवेश विकल्पों में होती है।
आजकल फ्लैक्सीबल इंटरेस्ट रेट वाले निवेश ऑप्शन का ट्रेंड
इन दिनों फ्लैक्सीबल इंटरेस्ट रेट वाले निवेश ऑप्शंस भी काफी लोकप्रिय हो रहे हैं, जो निवेशकों को बदलती ब्याज दरों का फायदा उठाने का मौका देते हैं। एफडी पहले छोटी अवधि के लिए अच्छा विकल्प था, लेकिन अब यह लंबी अवधि के निवेश में उतना फायदेमंद नहीं रहा है, क्योंकि इसमें ब्याज पर टैक्स भी लगता है और महंगाई को भी ध्यान में रखना पड़ता है। इसके विपरीत, पीपीएफ (Public Provident Fund) जैसे निवेश विकल्प में ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता, और यह लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देने वाला साबित हो सकता है।
एफडी में निवेश करना एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है, लेकिन इसके बारे में कुछ जरूरी बातें समझना और सही तरीके से योजना बनाना बेहद आवश्यक है। अगर आप इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो आपको फायदे के साथ-साथ जोखिम से बचने का भी फायदा मिलेगा।