FD में 5 लाख से ज्यादा निवेश करने वालों के लिए अलर्ट! जानें ये जरूरी नियम!

एफडी में जमा राशि का इंश्योरेंस कवर Fixed Deposit
आमतौर पर बैंक एफडी में निवेश की गई राशि को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) एक्ट के तहत सुरक्षित किया जाता है। पहले यह कवर केवल 1 लाख रुपये का होता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि यदि आपने किसी बैंक में 5 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा कराई है और वह बैंक दिवालिया हो जाता है, तो आपको केवल 5 लाख रुपये तक का ही कवर मिलेगा। उदाहरण के तौर पर, यदि आपने 10 लाख रुपये का एफडी कराया है और बैंक डूब जाता है, तो आपको केवल 5 लाख रुपये वापस मिलेंगे और बाकी की राशि आपके हाथ से फिसल जाएगी।
एफडी निवेश के फायदे Fixed Deposit
एफडी निवेश के कई फायदे हैं, जो इसे सुरक्षित और आकर्षक विकल्प बनाते हैं:
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गैर-परिवर्तनीय रिटर्न:
एफडी में निवेश करने पर आपको यह सुनिश्चित होता है कि मैच्योरिटी के समय आपको निश्चित राशि मिलेगी। चाहे आप एक साल, पांच साल या दस साल के लिए एफडी कराएँ, आपको पहले से ही तय ब्याज दर पर रिटर्न मिलता है। -
फ्लेक्सिबल टेनर: Fixed Deposit
बैंक आमतौर पर 7 दिनों से लेकर 10 साल तक के टेनर के विकल्प देते हैं, जिससे आप अपनी जरूरत के अनुसार अवधि चुन सकते हैं। -
कंपाउंडिंग इंटरेस्ट:
एफडी में मिलने वाला ब्याज कंपाउंड होता है, यानी आपके निवेश पर ब्याज पर भी ब्याज मिलता है, जिससे कुल रिटर्न में वृद्धि होती है। -
इमरजेंसी लोन: Fixed Deposit
यदि अचानक पैसों की जरूरत पड़े, तो आप अपनी एफडी को गिरवी रखकर बैंक से लोन ले सकते हैं। बैंक आम तौर पर एफडी की कुल राशि का 90% से 95% तक लोन प्रदान करते हैं, हालाँकि लोन पर ब्याज दर एफडी के ब्याज दर से लगभग 1% अधिक होती है। -
टैक्स छूट:
अगर आप 5 साल या उससे लंबे समय के लिए एफडी करवाते हैं, तो आपको 80C के तहत टैक्स छूट का भी लाभ मिलता है। 5 साल से कम अवधि की एफडी पर टैक्स में छूट नहीं मिलती। -
सीनियर सिटीजंस के लिए अतिरिक्त ब्याज: Fixed Deposit
कई बैंक सीनियर सिटीजंस को आम नागरिकों की तुलना में अतिरिक्त ब्याज दर (लगभग 0.50% ज्यादा) और 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के सुपर सीनियर सिटीजंस को 0.25% अतिरिक्त ब्याज प्रदान करते हैं।