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FASTag : FASTag से जुड़े नियमों में बदलाव, कार चालकों के लिए नई सावधानियां!

FASTag : FASTag यूजर्स के लिए नए नियम लागू! सरकार ने टोल पेमेंट से जुड़े नियमों में बदलाव किया है, जिससे कार चालकों को अब और भी सतर्क रहने की जरूरत होगी। अगर आपके FASTag में बैलेंस नहीं है या नियमों का पालन नहीं किया गया तो भारी जुर्माना लग सकता है। नए नियमों के तहत टोल भुगतान की प्रक्रिया में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। जानें पूरी डिटेल और बचने के तरीके।
 
FASTag से जुड़े नियमों में बदलाव, कार चालकों के लिए नई सावधानियां!
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Haryana update : भारत में डिजिटल टोल भुगतान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए FASTag (फास्टैग) नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। महाराष्ट्र कैबिनेट ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल 2025 से राज्य में सभी वाहनों पर FASTag अनिवार्य होगा। यह फैसला टोल प्लाजा पर यातायात को सुगम बनाने और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।

क्या है FASTag और यह कैसे काम करता है?

FASTag एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग है, जिसे वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। यह बैंक खाते या एक प्रीपेड वॉलेट से जुड़ा होता है और जैसे ही वाहन किसी टोल प्लाजा से गुजरता है, टोल शुल्क स्वचालित रूप से काट लिया जाता है।

यह प्रणाली राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) सिस्टम के तहत काम करती है, जिससे नगद लेनदेन की जरूरत खत्म हो जाती है और टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारें कम होती हैं।

FASTag अब पूरे भारत में अनिवार्य

भारत सरकार ने पहले ही अधिकांश राज्यों में FASTag को अनिवार्य कर दिया था, लेकिन कुछ राज्यों को अब तक छूट दी गई थी।

अब महाराष्ट्र सरकार ने भी इस छूट को समाप्त कर दिया है, जिससे राज्य में टोल प्लाजा पर नगद भुगतान की व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो जाएगी। यह बदलाव यातायात की गति बढ़ाने और टोल कलेक्शन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए किया गया है।

FASTag के फायदे

समय की बचत – टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होती, जिससे यात्रा अधिक सुगम होती है।
 ईंधन की बचत – बार-बार स्टार्ट-स्टॉप न करने से ईंधन की खपत कम होती है।
 डिजिटल भुगतान – नगद लेनदेन की जरूरत नहीं होती, जिससे भुगतान प्रक्रिया तेज़ और आसान होती है

 कम ट्रैफिक जाम – स्वचालित टोल संग्रह प्रणाली टोल प्लाजा पर भीड़ को कम करती है।

FASTag कहां से खरीद सकते हैं?

FASTag को सभी प्रमुख बैंकों से खरीदा जा सकता है। इसे एक बार किसी वाहन पर लगाने के बाद किसी अन्य वाहन में शिफ्ट नहीं किया जा सकता।

 इसे बैंक शाखा, ऑनलाइन पोर्टल, टोल प्लाजा, पेट्रोल पंप और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से भी खरीदा जा सकता है।

FASTag बैलेंस कम होने पर क्या होगा?

 अगर FASTag अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं है, तो यह ब्लैकलिस्ट हो जाएगा।

इस स्थिति में –
 वाहन चालक टोल प्लाजा पर नगद भुगतान करने के लिए मजबूर होगा।
 टोल-फ्री सिस्टम का लाभ नहीं मिलेगा।

अगर वाहन पर FASTag नहीं लगा तो क्या होगा?

 1 अप्रैल 2025 के बाद, जिन वाहनों पर FASTag नहीं होगा, उन्हें दोगुना टोल शुल्क देना होगा।

यह नियम FASTag को जल्द से जल्द अपनाने के लिए वाहन चालकों को प्रेरित करने के उद्देश्य से लागू किया जा रहा है।

जल्द ही लॉन्च होगा FASTag मोबाइल ऐप

FASTag उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए सरकार एक नया मोबाइल ऐप लॉन्च करने की योजना बना रही है।

इस ऐप के जरिए –
 उपयोगकर्ता अपने FASTag अकाउंट का बैलेंस जांच सकेंगे।

रिचार्ज कर सकेंगे।
 ट्रांजेक्शन हिस्ट्री देख सकेंगे।

 1 अप्रैल 2025 से FASTag पूरे महाराष्ट्र में अनिवार्य होगा।
 FASTag नहीं होने पर दोगुना टोल शुल्क देना होगा।
 ब्लैकलिस्टेड FASTag पर नगद भुगतान करना पड़ेगा।
 FASTag डिजिटल टोल भुगतान को बढ़ावा देगा और ट्रैफिक जाम कम करेगा।
 FASTag ऐप जल्द लॉन्च होगा, जिससे अकाउंट बैलेंस चेक और रिचार्ज करना आसान होगा।

अब FASTag को जल्द से जल्द अपनाएं और स्मार्ट यात्रा का लाभ उठाएं!