ED Vs Income Tax: ईडी और इनकम टैक्स विभाग में होता है ये अंतर, जानिए डिटेल में
Haryana Update, New Delhi: प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग (ITD) में नौकरी (Sarkari Naukri) पाने की ख्वाहिश हर किसी की होती है. अधिकांश युवाओं का भी सपना यहां काम करने का होता है. अगर आप भी ईडी और आयकर विभाग में काम करना चाहते हैं, तो इन दोनों एजेंसियों के बारे में जानना चाहिए. ईडी और आयकर विभाग दो अलग-अलग सरकारी एजेंसियां हैं. इनमें फाइनेंशियल एनफोर्समेंट और टैक्सेशन के फील्ड में अलग-अलग रोल और जिम्मेदारियां हैं. आइए इसके बारे में नीचे विस्तार से जानते हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate)
प्रवर्तन निदेशालय की बात करें तो यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के तहत एक लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी के तौर पर काम करती है. यह मुख्य रूप से इकोनॉमिक लॉ को लागू करने और मनी लॉन्ड्रिंग, फॉरेन एक्सचेंज वायलेशन और इकोनॉमिक फ्रॉड जैसे वित्तीय अपराधों से लड़ने के लिए जिम्मेदार है. ईडी इन अपराधों से संबंधित मामलों की जांच करती है और वित्तीय अनियमितताओं को रोकने और दंडित करने के लिए उचित कार्रवाई करती है.
प्रवर्तन निदेशालय का पॉवर (Power Of Enforcement Directorate)
इसके पास तलाशी लेने, संपत्तियों को जब्त करने और अवैध गतिविधियों में शामिल संपत्तियों को कुर्क करने का पॉवर होता है. ईडी सबूत इकट्ठा करने और वित्तीय मामलों में शामिल व्यक्तियों या संगठनों के खिलाफ मजबूत मामले बनाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और आयकर विभाग (Income Tax Department) जैसी विभिन्न अन्य एजेंसियों के साथ कोऑर्डिनेट करके काम करती है.
आयकर विभाग (Income Tax Department)
आयकर विभाग भी ईडी की तरह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन काम करता है. भारत में डायरेक्ट टैक्सेशन लॉ को प्रशासित करने और लागू करने के लिए जिम्मेदार होता है. इसका प्राइमरी ध्यान आयकर के मूल्यांकन, संग्रह और एनफोर्समेंट पर होता है. आयकर विभाग टैक्स लॉ का अनुपालन सुनिश्चित करता है, ऑडिट करता है, टैक्स चोरी के मामलों की जांच करता है और बकाया टैक्सों की वसूली के लिए आवश्यक कार्रवाई करता है.
इनकम टैक्स टिपार्टमेंट का पॉवर (Power of Income Tax Department)
इनकम टैक्स टिपार्टमेंट (Income Tax Department) के पास टैक्स आकलन करने, टैक्स नोटिस जारी करने, छापेमारी करने और टैक्स चोरी या अघोषित आय से संबंधित संपत्ति जब्त करने का अधिकार होता है. यह टैक्सपेयर को मार्गदर्शन प्रदान करके, टैक्स रिटर्न करने और टैक्स अवेयरनेस प्रोग्राम भी आयोजित करता है.
ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट दोनों एजेंसियां वित्तीय मामलों से निपटती हैं. इन दोनों के बीच मुख्य अंतर उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों और उन अपराधों की प्रकृति में है, जिनकी वे मुख्य रूप से जांच करते हैं. ईडी मुख्य रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज वायलेशन जैसे आर्थिक अपराधों पर ध्यान केंद्रित करता है जबकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट मुख्य रूप से इनकम टैक्स लॉ लागू करने और टैक्स चोरी से निपटने से संबंधित है.