Train Ticket: E-Ticket और I-Ticket में क्या है असली फर्क? जानें पूरी जानकारी!
ट्रेन यात्रा में E-Ticket और I-Ticket के बीच बड़ा अंतर होता है। जानिए कौन-सा टिकट कब और क्यों लेना चाहिए, ताकि आपकी यात्रा हो आसान और परेशानी मुक्त।

आप भी ट्रेन से सफर करते हैं तो आपको ट्रेन टिकट की जानकारी होनी चाहिए। रेलवे अक्सर टिकट बुकिंग नियमों को बदलता है, लेकिन आपको ई-टिकट और आई-टिकट के बारे में जानना चाहिए। हम आज आपको बताएंगे कि इन टिकटों का क्या अर्थ है?
ये टिकट ऑनलाइन बुकिंग के लिए उपलब्ध हैं
ट्रेन में सफर करने के लिए हर यात्री को टिकट चाहिए। ज्यादातर लोग ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं। इस स्थिति में आपको ई-टिकट या आई-टिकट मिलेगा।
E-टिकट क्या है?
आपको बता दें कि ई-टिकट एक प्रकार का इलेक्ट्रानिक मुद्रित टिकट है। यात्री इस टिरट को अपनी सुविधानुसार प्रिंट कर सकते हैं। आप इस टिकट को घर बैठे भी बुक कर सकते हैं, बिना काउंटर पर जाए। इंटरनेट की मदद से इसे ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। रेलवे काउंटर टिकट की तरह वैलिड है। फिलहाल, ई-टिकट से यात्रा करने वालों को अपना पहचान पत्र होना चाहिए।
I-ticket में क्या होता है?
I-ticket रेलवे से यात्री के एड्रेस पर कोरियर किया जाता है। यह टिकट भी ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। IRCTC की वेबसाइट पर पंजीकृत होने पर ही इस टिकट को दिए गए स्थान पर कोरियर कर दिया जाता है। इस टिकट को आने में लगभग चालीस घंटे लगते हैं।
E-टिकट और I-टिकट में फर्क क्या है? यात्री ई-टिकट को प्रिंट करता है, लेकिन ई-टिकट नहीं प्रिंट किया जा सकता है।
>> रेलवे ई-टिकट को कोरियर करता है, लेकिन ई-टिकट आपको तुरंत मिलते हैं।
>> आई-टिकट महंगे हैं क्योंकि उनमें डिलीवरी चार्ज भी शामिल है।
>> I-ticket को दो दिन पहले खरीदना होता है।
>> सेम डे को ई-टिकट से बुक कर सकते हैं।
>> ई-टिकट में सीट बर्थ कंफर्म या आरएसी है।
>> आई-टिकट में कन्फर्म, RAC या वेटिंग तीनों श्रेणियों में से एक में पाया जा सकता है।