Delhi-Mumbai Expressway News: राजस्थान में बनी टनल, अब 10 घंटे में तय होगा लंबा सफर

टाइगर रिजर्व से होकर गुजरती है सुरंग, दो लेन का निर्माण Delhi-Mumbai Expressway News
यह सुरंग राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स और टाइगर रिजर्व से होकर गुजरती है। खास बात यह है कि सुरंग के निर्माण में इस बात का खास ख्याल रखा गया कि वहां की वाइल्डलाइफ को कोई नुकसान न पहुंचे। सुरंग में दो लेन बनाई गई हैं, जिनमें से एक लेन का निर्माण पूरा हो गया है और दूसरी लेन पर काम अंतिम चरण में है। इस सुरंग के शुरू होते ही ट्रैफिक का दबाव कम होगा और यातायात में बड़ी राहत मिलेगी।
अब दिल्ली से मुंबई का सफर सिर्फ 10 घंटे में Delhi-Mumbai Expressway News
गुरुग्राम से वडोदरा को जोड़ने वाला हाई-स्पीड कॉरिडोर अब लगभग तैयार हो चुका है। पहले दिल्ली से मुंबई की दूरी तय करने में 20 से 22 घंटे लगते थे, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के जरिए अब यह सफर महज 10 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। राजस्थान की पहाड़ियों को पार करने के लिए बनाई गई यह सुरंग इस प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा रही, जिसकी वजह से अब यह बाधा दूर हो गई है और हाई-स्पीड यात्रा सुगम हो गई है।
देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे और विकास का नया रास्ता Delhi-Mumbai Expressway News
1380 किलोमीटर लंबा यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे करीब 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है और यह देश का सबसे लंबा व अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे है। इसे कई सेक्शन में बांटा गया है, जिनमें से दिल्ली से दौसा तक का हिस्सा पहले ही आम जनता के लिए खोल दिया गया है। बाकी हिस्सों पर तेजी से काम चल रहा है और सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार यह एक्सप्रेसवे अक्टूबर 2025 तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा।
फ्यूचर रेडी एक्सप्रेसवे: 8 लेन से 12 लेन तक बढ़ाने की सुविधा
इस एक्सप्रेसवे की चौड़ाई 21 मीटर है और इसमें फिलहाल 8 लेन बनाई गई हैं, लेकिन भविष्य में इसे 12 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इससे बढ़ते ट्रैफिक को आसानी से नियंत्रित किया जा सकेगा। साथ ही, यह सुरंग भारत की पहली ऐसी टनल मानी जा रही है जो इको-सेंसिटिव जोन के बीच बनाकर पर्यावरण की रक्षा करते हुए तेज रफ्तार यात्रा को संभव बनाती है।
टूरिज्म, बिजनेस और लॉजिस्टिक्स को मिलेगा बड़ा फायदा Delhi-Mumbai Expressway News
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे न केवल आम यात्रियों के लिए सफर को आसान बनाएगा, बल्कि इसके जरिए राजस्थान के कोटा, दौसा, और उदयपुर जैसे शहरों में टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। वहीं, गुड़गांव, वडोदरा और मुंबई के बीच व्यापारिक यात्रा और लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री को भी जबरदस्त फायदा होगा। ट्रांसपोर्ट कंपनियां कम समय में अधिक दूरी तय कर सकेंगी, जिससे उनके खर्च घटेंगे और समय की बचत होगी।
यह एक्सप्रेसवे भारत की इन्फ्रास्ट्रक्चर कहानी में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है, जो ना सिर्फ विकास को रफ्तार देगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का बेहतरीन उदाहरण भी बनेगा।