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Delhi Solar Pannel News: दिल्लीवासियों को मिली खुशखबरी, अब सोलर पैनल लगवाने पर होगा दुगुना फायदा

Delhi Solar Pannel News: दिल्लीवासियों को सोलर पावर प्लांट लगाने से दोगुना लाभ मिलेगा. ये प्लांट सरकारी इमारतों और हाउसिंग सोसायटी में लगाए जाएंगे। सरकार अब छत पर सौर ऊर्जा संयंत्रों को सब्सिडी देगी, नई सौर ऊर्जा नीति के कारण।
 
Delhi Solar Pannel

Delhi Solar Pannel News: दिल्लीवासियों को सोलर पावर प्लांट लगाने से दोगुना लाभ मिलेगा. ये प्लांट सरकारी इमारतों और हाउसिंग सोसायटी में लगाए जाएंगे। सरकार अब छत पर सौर ऊर्जा संयंत्रों को सब्सिडी देगी, नई सौर ऊर्जा नीति के कारण। यहां हम इस नवीन नीति के बारे में और इसके लाभों पर चर्चा करेंगे।

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सौर ऊर्जा संयंत्रों से दोगुना लाभ

दिल्ली में सोलर पावर प्लांट लगाने से दोगुना लाभ मिलेगा। सोलर पावर प्लांट बनाने पर पहले केंद्र सरकार सब्सिडी देती थी, लेकिन अब दिल्ली सरकार रूफटॉप सोलर पावर प्लांट बनाने पर 2000 हजार रुपये प्रति किलोवाट की सब्सिडी देगी। यह एक नई सौर ऊर्जा नीति का एक भाग है, जिसका लक्ष्य दिल्लीवासियों को सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है।

न्यूनतम उत्पादन आवश्यकताओं का अंत

सरकार की नई सौर ऊर्जा नीति ने भी सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए न्यूनतम उत्पादन की आवश्यकता को कम कर दिया है। अब लोगों को सौर ऊर्जा उत्पादन करने के लिए अपनी छतों पर सौर पैनल स्थापित करने की कम इकाई आवश्यकता है। यह ऊर्जा के बढ़ते खर्चों को कम करेगा और उन्हें सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा।

GBI की परिवर्तित शर्तों

दिल्ली सरकार वर्तमान में सौर ऊर्जा उत्पादन के बदले 2 रुपये प्रति यूनिट उत्पाद-आधारित प्रोत्साहन राशि (GBI) देती है। किंतु शर्त यह है कि वर्ष में कम से कम 1100 यूनिट विद्युत उत्पादन किया जाए। इसलिए दिल्ली में केवल 45 से 50 प्रतिशत आबादी को लाभ मिलता है। यह अधिक लोगों को सौर ऊर्जा संयंत्र बनाने की प्रेरणा दे रहा है। नई सौर ऊर्जा नीति में न्यूनतम यूनिट उत्पादन की आवश्यकता खत्म होने से जीबीआई को भी उत्पादन पर 2-3 रुपये प्रति यूनिट मिलेंगे।

सरकारी इमारतों में सोलर प्लांट

दिल्ली सरकार ने सौर ऊर्जा संयंत्रों को 500 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले सरकारी भवनों पर लगाना अनिवार्य कर दिया है। इससे ऊर्जा की मांग कम होगी और दिल्ली की बड़ी सरकारी इमारतों में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा।

बिजली की मांग बढ़ी

दिल्ली की बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। जून 2022 में 7,400 मेगावाट से अधिक की मांग हुई। वर्तमान में 2,826 मेगावाट (33% की आवश्यकता) सौर और पवन ऊर्जा से उत्पादित होते हैं, जो कुल आवश्यकता का 33% है। इसमें से कुछ दिल्ली और अन्य राज्यों से अलग-अलग समझौतों के तहत आता है। सरकार ने अगले तीन वर्षों में नवीकरणीय (सौर-पवन) ऊर्जा का उत्पादन 500 मेगावाट (एक वर्ष में न्यूनतम उत्पादन पर छूट) के साथ छत पर सौर ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा है।

सौर ऊर्जा की आवश्यकता

हम सौर ऊर्जा का उपयोग करके प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रहे हैं, जो बहुत से जलवायु परिवर्तन को रोक सकते हैं। सौर ऊर्जा का उपयोग करके, हम बिजली उत्पादन के लिए बुनियादी ढांचे की जरूरत को कम कर सकते हैं और ऊर्जा संकट से निपट सकते हैं।