Property Rights: दहेज के बाद क्या बेटी को मिलेगा पिता की संपत्ति का हिस्सा? हाईकोर्ट का फैसला!"

फैसले का सार: Property Rights
मामले में, तेरेजिन्हा मार्टिन्स डेविड बनाम मिगुएल गार्डा रोसारियो मार्टिन्स में न्यायमूर्ति एमएस सोनक ने यह निर्णय दिया कि बेटी का पिता की property में हिस्सा उसके दहेज से कम नहीं होता। अदालत ने यह भी कहा कि बिना बेटी की सहमति के उसके हिस्से की property को भाइयों को हस्तांतरित करने वाली डीड अमान्य है।
न्यायमूर्ति की राय: Property Rights
न्यायमूर्ति एमएस सोनक ने स्पष्ट किया कि दहेज देने का मतलब यह नहीं है कि बेटी के अधिकार समाप्त हो जाएं। पिता की मृत्यु के बाद भी बेटी का पारिवारिक property में हक बना रहता है। उन्होंने यह भी बताया कि घर की बेटियों को पर्याप्त दहेज प्रदान करने के सबूत नहीं हैं, जिससे यह निष्कर्ष निकलता है कि भाइयों द्वारा संयुक्त परिवार की property में से बेटियों को हड़प लिया जा रहा था।
मामले की पृष्ठभूमि: Property Rights
यह मामला एक परिवार से जुड़ा है, जिसमें चार बहनें, चार भाई और मां शामिल हैं। बड़ी बेटी ने याचिका दायर करते हुए बताया कि दिवंगत पिता ने उसे property का उत्तराधिकार घोषित किया था। याचिका में 8 सितंबर 1990 की एक दूसरी डीड का भी हवाला दिया गया, जिसमें मां ने परिवार की एक दुकान को बिना बेटी की सहमति के भाइयों के नाम ट्रांसफर कर दिया था। बेटी ने इस डीड को रद्द करने और अपनी property का हक बनाए रखने की मांग की।
फैसले का महत्व: Property Rights
इस फैसले से यह संदेश मिलता है कि दहेज देने के बावजूद भी बेटी का अधिकार परिवार की property में बरकरार रहेगा। यह फैसला परिवारों में property के विवादों को सुलझाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा और भविष्य में ऐसे मामलों में बेटियों के अधिकारों की रक्षा करेगा।
इस तरह, हाई कोर्ट ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि पिता की property में बेटियों का हक न केवल सुरक्षित है, बल्कि उन्हें बिना किसी दबाव के अपना हिस्सा मिलने का पूरा अधिकार है।