8th Pay Commission: इस राज्य में कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा, 7% बढ़ा डीए!

इस निर्णय के अनुसार, राज्य के Employeesयों के महंगाई भत्ते में सात प्रतिशत का इजाफा करने से उनकी कुल आय में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिलेगा। इसके अलावा, पांचवें वेतन आयोग के तहत आने वाले govt. Employeesयों के लिए डीए की दर मौजूदा 443 प्रतिशत से बढ़ाकर 455 प्रतिशत कर दी गई है, जो कि 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होगी। इन सभी फैसलों को मंजूरी देने के लिए कुल मिलाकर कैबिनेट ने 12 प्रस्तावों पर मुहर लगाई है, जिससे राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद जताई जा रही है।
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का प्रभाव
dearness allowance वह राशि है जो Employeesयों की बेसिक सैलरी के अनुपात में दी जाती है और यह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) पर आधारित होती है। छठे केंद्रीय वेतन आयोग के तहत Employeesयों को पहले 239 प्रतिशत डीए मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 246 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे Employeesयों के लिए महंगाई के बढ़ते दबाव से राहत मिलेगी और वे अपने दैनिक खर्चों को आसानी से पूरा कर सकेंगे। पेंशनभोगियों के मामले में भी यह बढ़ोतरी समान रूप से लागू हुई है, जिससे उन्हें अपनी पेंशन में अधिक लाभ मिलेगा और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
झारखंड govt. ने महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के अलावा कई अन्य प्रस्तावों पर भी मंजूरी दी है। राज्य में कारखानों और फैक्ट्रियों में महिला कामगारों को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देने का प्रस्ताव भी पारित हुआ है। अब महिलाएं अपनी सहमति के आधार पर शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक काम कर सकेंगी। यह कदम महिला कामगारों को उनके निजी जीवन और पारिवारिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लचीले कार्य समय का लाभ प्रदान करेगा। इस प्रस्ताव को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान के अंतर्गत कारखाना संशोधन विधेयक-2024 के गठन की स्वीकृति दी गई है।
इसके अतिरिक्त, कैबिनेट ने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयन तथा मानदेय नियमावली में संशोधन से संबंधित प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य आंगनबाड़ी सेविकाओं के चयन में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है, ताकि वे अपने कार्य में और अधिक प्रभावी रूप से योगदान दे सकें। राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाई (एमएसएमई) को विशेष छूट प्रदान करने का एक प्रस्ताव भी पास किया गया है, जिससे व्यवसायों में विकास की नई राह खुल सकेगी। यह विधेयक आगामी विधानसभा बजट सत्र में पेश किया जाएगा।
अंत में, कैबिनेट ने राज्य बंटवारे के बाद बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम एवं बिहार स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड से संबंधित आस्तियों और दायित्वों के बंटवारे पर भी स्वीकृति प्रदान की है। इस निर्णय से यह सुनिश्चित होगा कि संबंधित संस्थाओं के बीच संतुलित वितरण हो सके और आर्थिक मामलों में पारदर्शिता बनी रहे।