DA Arrears News: 18 महीने की देरी के बाद अब जेब में आएगा मोटा अमाउंट!

लेकिन अभी तक Employees और पेंशनरों को कोई ऐसा संकेत नजर नहीं आ रहा है जिससे लगे कि सरकार बकाया Arrears राशि को लौटाने पर विचार कर रही है। दरअसल यह राशि, कोरोनाकाल के दौरान रोके गए DA/DR के 18 महीने का Arrears है
बकाया Arrears के लिए Employees के संगठनों ने की मांग -
'नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्सन' के वरिष्ठ सदस्य एवं अखिल भारतीय रक्षा Employees महासंघ के महासचिव सी.श्रीकुमार के अनुसार, कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के DA/DR के भुगतान की लड़ाई भी जारी है। कैबिनेट सचिव को 'स्टाफ साइड' की राष्ट्रीय परिषद द्वारा 18 माह के DA Arrears के भुगतान के लिए पहले ही लिखा जा चुका है। इस बाबत वित्त मंत्रालय को भी प्रतिवेदन दिया गया है।
केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया है। इसके बावजूद सरकार इसकी ओर ध्यान नहीं दे रही है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे मामलों में Employees को छह प्रतिशत ब्याज के साथ बकाया Arrears का भुगतान करना होता है। केंद्र सरकार ने कोरोनाकाल के दौरान जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 महीने का DA/DR की 3 किस्तें रोक ली थी। उस समय सरकार ने आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात कही थी।
सी. श्रीकुमार बताते हैं, सरकार के मन में खोट आ चुका है। केंद्र ने 2020 के प्रारंभ में कोविड-19 की आड़ लेकर सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के DA/DR पर रोक लगा दी थी। उस वक्त कर्मियों के 11 % DA का भुगतान रोक कर केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपये बचा लिए थे। उसके बाद Employees संगठनों के प्रमुखों ने 18 महीने के Arrears के जारी करने के लिए सरकार को कई विकल्प सुझाए। इनमें Arrears का एक साथ भुगतान करना भी शामिल था।
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Employees को कब मिलेगा 18 महीने का बकाया Arrears?
सरकारी Employees और पेंशनर्स लंबे समय से बकाया 18 महीने के DA/DR के Arrears के भुगतान की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस बात को माना था कि केंद्रीय Employees के संगठनों की ओर से बकाया DA Arrears की राशि के भुगतान के लिए मांग की गई है। लेकिन सरकार ने इस संबंध में कहा है अभी Arrears के भुगतान के लिए परिस्थितियां व्यावहारिक नहीं है।
इसका मतलब साफ है कि केंद्र सरकार फिलहाल Employees के 34 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया DA/DR राशि का भुगतान नहीं करने वाली है। वित्त राज्य मंत्री ने सदन में कहा था, अभी भी केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा एफआरबीएम अधिनियम में दर्शाए स्तर से दोगुने से ज्यादा चल रहा है। ऐसे में बकाया Arrears को जारी करना संभव है।