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Property News : सर्किल रेट प्रॉपर्टी के लिए क्यों है जरूरी, जानिए यहाँ

Property News सर्किल रेट प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह एक सरकारी तय कीमत है, जिसे किसी इलाके में प्रॉपर्टी की न्यूनतम कीमत के रूप में मान्यता दी जाती है। सर्किल रेट का उपयोग टैक्स निर्धारण, स्टाम्प ड्यूटी और रियल एस्टेट लेन-देन में किया जाता है। इसे जानना जरूरी है क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त सही मूल्य पर हो और किसी भी प्रकार की टैक्स चोरी से बचा जा सके। जानें सर्किल रेट के महत्व और कैसे यह प्रॉपर्टी लेन-देन को प्रभावित करता है।

 
Property News : सर्किल रेट प्रॉपर्टी के लिए क्यों है जरूरी, जानिए यहाँ 
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Haryana Update : Property को खरीदने और बेचने का सिलसिला हमारे देश में काफी लंबे अरसे से चला आ रहा है। देश की आजादी के बाद संविधान के गठन के समय Property को खरीदने व बेचने के नियम भी तय किए गए थे। आमतौर पर जब कोई भी व्यक्ति अपनी किसी Property को बेचता है या किसी अन्य व्यक्ति की Property को खरीदता है तो वह उस ईलाके के Circle Rate के बारे में जरुर बात करता है। क्योंकि Circle Rate के आधार पर ही किसी भी Property के Rate तय होते है। Circle Rate उस Property की न्यूनतम Rate को दर्शाता है। सभी  जगह पर Circle Rate प्रशासन के द्वारा तय किए जाते है।

क्या होता Circle Rate


Circle Rate प्रशासन द्वारा तय किया गया किसी भी Property का न्यूनतम Rate है। आप किसी भी Property को उसके Circle Rate के आधार पर ही खरीद एवं बेच सकते है। Sarkar ने Circle Rate  का इस्तेमाल किसी भी Property को खरीदते व बेचते समय होने वाली Tax चोरी को रोकने के लिए किया था। जब भी कोई Property खरीदी या बेची जाती है, तो Stamp Duty और रजिस्ट्रेशन फीस देनी होती है। अगर Circle Rate तय न हो, तो खरीदार और विक्रेता Rate को कम दिखाकर Tax बचा सकते हैं। Circle Rate यह सुनिश्चित करता है कि किसी Property की खरीद-फरोख्त तय न्यूनतम Rate से कम पर न हो।

ऐसे समझे Circle Rate का महत्व


यदि आप कोई Property खरीदने जा रहे है और वह Property 5,000 वर्ग फीट की है। उस जमीन की Rate 1,500 रुपये प्रति वर्ग फीट है। इस हिसाब से उस Property के आपको 75 लाख रुपये देने होंगे। अगर इलाके में Circle Rate तय न हो, तो खरीदार और विक्रेता Property की Rate कम दिखाकर Tax बचा सकते हैं। ऐसे में Sarkar इस Tax को वसूलने के लिए Circle Rate तय करती है।इससे Sarkar को Stamp Duty और रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में मिलने वाले राजस्व का नुकसान होता है।
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Circle Rate और मार्केट Rate में अंतर


 किसी भी राज्य या शहर में Circle Rate वहां का प्रशासन तय करता है। Circle Rate उस Property की न्यूनतम Rate है। कोई भी व्यक्ति उसके Circle Rate से कम Rate पर नहीं तो खरीद सकता है और न ही बेच सकता है। वहीं, मार्केट Rate का मतलब होता है उस Property की मार्केट में कीमत। मार्केट Rate पर उस Property का असली सौदा होता है।  मार्केट Rate इलाके की मांग, सुविधाओं और Property की स्थिति पर निर्भर करता है। अमूमन मार्केट रेट, Circle Rate से काफी ज्यादा होता है।


Circle Rate के फायदें

Circle Rate का सबसे बड़ा फायदा यह है कि कोई भी व्यक्ति आपसे आपकी Property को उसके न्यूनतम मूल्य से कम पर नहीं खरीद सकता है। Circle Rate Property लेन-देन को पारदर्शी बनाता है और Tax चोरी रोकता है। Circle Rate और मार्केट Rate के बीच का अंतर न केवल प्रशासन के राजस्व को प्रभावित करता है, बल्कि Property बाजार की स्थिति को भी दर्शाता है।