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CIBIL Score : सिबिल स्कोर से लोन लेने वाले जान लें ये बात

CIBIL Score : अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं और सिर्फ सिबिल स्कोर पर भरोसा कर रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। बैंक अब लोन अप्रूवल के लिए सिबिल स्कोर के साथ आपकी आय, नौकरी की स्थिरता, पिछला क्रेडिट व्यवहार जैसे अन्य फैक्टर्स को भी देख रहे हैं। नीचे जानें पूरी डिटेल।

 
CIBIL Score : सिबिल स्कोर से लोन लेने वाले जान लें ये बात 
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Haryana Update : अक्सर लोग मानते हैं कि अगर उनका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो उन्हें आसानी से लोन मिल जाएगा। लेकिन सच्चाई यह है कि बैंक पर्सनल लोन पास करने से पहले केवल क्रेडिट स्कोर नहीं, बल्कि और भी कई अहम फैक्टर्स को ध्यान में रखता है। बैंक यह सुनिश्चित करता है कि लोन लेने वाला व्यक्ति समय पर भुगतान करने में सक्षम हो।

1. डेट-टू-इनकम रेश्यो (DTI Ratio)
बैंक सबसे पहले आपके डेट-टू-इनकम रेश्यो को चेक करता है। यह रेश्यो यह बताता है कि आपकी मासिक आय में से कितना हिस्सा मौजूदा कर्ज की अदायगी में जा रहा है। यदि यह अनुपात कम होता है, तो बैंक को भरोसा होता है कि आप नए लोन की किस्त आराम से चुका पाएंगे। यह रेश्यो जितना कम, लोन मिलने की संभावना उतनी ज्यादा।

2. EMI/NMI रेश्यो
बैंक यह भी चेक करता है कि आपकी नेट मंथली इनकम (NMI) का कितना प्रतिशत हिस्सा मौजूदा और प्रस्तावित लोन की ईएमआई में जा रहा है। यदि EMI/NMI रेश्यो 50 से 55 प्रतिशत के बीच है तो बैंक आसानी से लोन दे देता है। लेकिन इससे ऊपर होने पर बैंक लोन देने से हिचक सकता है या फिर अधिक ब्याज दर वसूल सकता है।

3. LTV रेश्यो (Loan-to-Value Ratio)
हाउसिंग लोन के मामलों में LTV रेश्यो महत्वपूर्ण होता है। इस रेश्यो से यह पता चलता है कि लोन राशि संपत्ति की कीमत के कितने प्रतिशत के बराबर है। अगर रेश्यो कम है तो इसका मतलब है कि बैंक को कम जोखिम है और लोन देना सुरक्षित है। यह रेश्यो बैंक को नियम तय करने में मदद करता है।

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4. क्रेडिट स्कोर
हालांकि क्रेडिट स्कोर ही सब कुछ नहीं होता, लेकिन यह एक अहम फैक्टर होता है। 300 से 900 तक के स्कोर में 750 या उससे ऊपर स्कोर को अच्छा माना जाता है। समय पर लोन और क्रेडिट कार्ड बिल चुकाने से यह स्कोर बढ़ता है, जबकि डिफॉल्ट करने पर यह कम हो जाता है।

इसलिए, अगर आप पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं तो केवल क्रेडिट स्कोर अच्छा होना ही काफी नहीं है। ऊपर बताए गए सभी रेश्यो और फैक्टर अच्छे होने चाहिए, तभी बैंक आसानी से कम ब्याज दर पर लोन स्वीकृत करता है।